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गाजीपुर में मुख्तार के करीबी का शम्मे हुसैनी अस्पताल ढहाया, पांच घंटे तक चला योगी सरकार का बुलडोजर

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अवैध घोषित शम्मे हुसैनी हास्पिटल व ट्रामा सेंटर पर शनिवार सुबह बुलडोजर चला। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अस्पताल के मुख्य द्वार...

गाजीपुर में मुख्तार के करीबी का शम्मे हुसैनी अस्पताल ढहाया, पांच घंटे तक चला योगी सरकार का बुलडोजर
वरिष्ठ संवादाता ,गाजीपुर Sat, 24 Oct 2020 06:56 PM
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बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अवैध घोषित शम्मे हुसैनी हास्पिटल व ट्रामा सेंटर पर शनिवार सुबह बुलडोजर चला। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अस्पताल के मुख्य द्वार से लेकर पूरी बिल्डिंग ढहा दी गई। एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर गंगा की जमीन पर बने हास्पिटल को डीएम की अध्यक्षता वाली बोर्ड ने भी गलत माना था। इससे पहले 191-आईएस गैंग का मुखिया मुख्तार के करीबी और मददगार परिवार आजम सिद्दीकी और डाक्टर शादाब सिद्दीकी समेत परिवार के 17 शस्त्र लाइसेंस निलंबित हो चुके हैं। 

जिलाधिकारी के निर्देश पर शनिवार की सुबह भारी संख्या में फोर्स सदर कोतवाली क्षेत्र के हमीद सेतु गंगा किनारे खड़े शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल ढहाने के लिए पहुंच गई। ढहाने का कार्य सुबह करीब साढ़े आठ बजे कैंपस के पूर्वीं छोर (गंगा पुल) से शुरू हुआ। एडीएम, एएसपी के अलावा एसडीएम और कई सीओ के साथ ही कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद रही। इमारत को ध्वस्त करने के लिए दो पोकलेन और तीन जेसीबी के साथ ही काफी संख्या में मजदूर रहे। ध्वस्तीकरण के दौरान गाजीपुर-ताड़ीघाट हाइवे मार्ग पर बड़े वाहनों का आवागमन रोक दिया गया। अस्पताल पर जांच के बाद आठ अक्तूबर को एसडीएम सदर ने नोटिस चस्पाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया था। एसडीएम सदर के उस आदेश को हॉस्पिटल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई के बाद 14 अक्टूबर को अपने फैसले में कहा कि इस मामले में याची उचित न्यायिक तरीके से चले। एसडीएम के आदेश पर आपत्ति को डीएम के स्तर से दस दिन में निस्तारित किया जाए। इसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने डीएम की कोर्ट में अर्जी लगाकर एसडीएम सदर के आदेश पर रोक लगाने की अपील की। डीएम एमपी सिंह ने अपनी अगुवाई में आठ सदस्यीय बोर्ड गठित कर हॉस्पिटल प्रबंधन की अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया। बोर्ड के उस फैसले के बाद ही प्रबंधन ने रात में ही हॉस्पिटल सहित पूरे कैंपस को खाली करना शुरू कर दिया था। वहां दाखिल गंभीर रोगी भी एंबुलेंस के जरिये रातों-रात अंयत्र शिफ्ट कर दिए गए थे। सुबह पांच घंटे तक चली कार्रवाई के बाद कैंपस को पूरी तरह से साफ कर दिया गया।

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