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वाराणसी सहित यूपी के 14 शहरों का कायाकल्प करेगी योगी सरकार, बनेगा मास्टर प्लान

उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी और रामनगरी अयोध्या की सूरत बदलने में लगी योगी सरकार जल्द ही राज्य के 14 बड़े शहरों का विकास करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन बड़े शहरों में बढ़ती आबादी,...

वाराणसी सहित यूपी के 14 शहरों का कायाकल्प करेगी योगी सरकार, बनेगा मास्टर प्लान
एजेंसी,लखनऊFri, 05 Mar 2021 02:42 PM
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उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी और रामनगरी अयोध्या की सूरत बदलने में लगी योगी सरकार जल्द ही राज्य के 14 बड़े शहरों का विकास करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन बड़े शहरों में बढ़ती आबादी, बढ़ते मकान, बढ़ती कार-स्कूटर और भविष्य की जरूरतों का संज्ञान लेते हुए मास्टर प्लान में परिवर्तन करने की अनुमति दी है, जिसके तहत अब लखनऊ सहित सूबे के 14 बड़े शहरों का नया मास्टर प्लान (सिटी डेवलपमेंट प्लान) बनेगा। इसके अलावा कुछ शहरों के मास्टर प्लान में संशोधन किया जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि नए तैयार किए जाने वाले मास्टर प्लान में ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व वाले स्थलों के सौंदर्यीकरण एवं संरक्षण के कार्य कराने तथा तालाबों, जलाशयों, झीलों आदि को शामिल करने के साथ ही वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रिजर्व फॉरेस्ट, पर्यावरण एवं वन और अन्य संरक्षित क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इन बड़े शहरों का सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार कराने के लिए आवास विभाग में कंसल्टेंट का चयन करने की कवायद शुरू हो गई है।

उन्होने बताया कि लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, आगरा, मथुरा, बरेली, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) का भविष्य  की जरूरतों के आधार पर कायाकल्प कराना मुख्यमंत्री की बेहद ही महत्वकांक्षी योजना है। विकास के साथ ही इन शहरों की ऐतिहासिक धरोहरों का सौंदर्यीकरण एवं संरक्षण कार्य कराए जाने से यह शहर खूबसूरत दिखेंगे, जिसके चलते इन शहरों में पर्यटन कारोबार में इजाफा होगा। लोगों को रोजगार मिलेगा। इस सोच के आधार पर ही मुख्यमंत्री ने उक्त शहरों का सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार कराने के निर्देश दिए।

आवास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उक्त शहरों के  तैयार किये जाने वाले मास्टर प्लान में नए सिरे से शहरों के तमाम क्षेत्रों का भू उपयोग निर्धारित होगा। इसके लिए जरूरी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। मास्टर प्लान तैयार करने में शहरों में मौजूदा जरूरतों के हिसाब से भू उपयोग निर्धारित किया जाएगा। नदियों, हवाई अड्डा, बस स्टैंड, सैन्य क्षेत्रों सहित तमाम चीजों को मास्टर प्लान में प्रदर्शित किया जाएगा। नया मास्टर प्लान जीआईएस आधारित होगा। इस संबंध में सचिव आवास की अध्यक्षता में बनी समिति मास्टर प्लान में जरूरत के हिसाब से नई चीजें जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी।

नए मास्टर प्लान में क्षेत्रीय विकास की योजनाओं को भी शामिल करने का निर्देश दिया है ताकि संबंधित शहरों को आने वाले दिनों में किसी तरह की दिक्कत न हो। यहीं नहीं, 14 बड़े शहरों के लिए तैयार किये जाने वाले मास्टर प्लान में इन शहरों में सेना की फायरिंग रेंज को खतरनाक क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाएगा। वर्तमान जरूरतों के हिसाब से नए औद्योगिक क्षेत्र, बस अड्डे, मास्टर प्लान रोड तथा वाटर वर्क्स व एसटीपी, कूड़ा निस्तारण केंद्र सहित अन्य तमाम चीजें भी मास्टर प्लान में चिंहित होंगी।

सूत्रों ने बताया कि शहरों में जिन लोगों ने लैंड यूज के विरुद्ध निमार्ण कराएं हैं, उनका समायोजन मास्टर प्लान में शासनादेश के मुताबिक ही हो पाएगा। मास्टर प्लान में नदी तटबंध के निमार्ण की दशा में नदी किनारे को तटबंध के रूप में ही प्रस्तावित होंगे।

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