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यमुना एक्सप्रेस-वे का बदलेगा नाम, अब अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से मिल सकती है नई पहचान

यूपी की योगी सरकार जिलों के नाम बदलने के बाद अब एक्सप्रेस का नाम बदलने जा रही है। चर्चा है कि अब यमुना एक्सप्रेस वे   पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जा सकता है। इसी घोषणा...

यमुना एक्सप्रेस-वे का बदलेगा नाम, अब अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से मिल सकती है नई पहचान
Deep Pandeyलाइव हिन्दुस्तान,लखनऊTue, 23 Nov 2021 09:04 AM

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यूपी की योगी सरकार जिलों के नाम बदलने के बाद अब एक्सप्रेस का नाम बदलने जा रही है। चर्चा है कि अब यमुना एक्सप्रेस वे   पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जा सकता है। इसी घोषणा जेवर एयरपोर्ट के भूमि पूजन कार्यक्रम में पीएम मोदी कर सकते हैं। वहीं पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने आज सीएम योगी जेवर जा रहे हैं। सीएम योगी  कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। 

दरअसल,  25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। शिलान्यास कार्यक्रम के साथ एयरपोर्ट साइट पर जनसभा होगी। एयरपोर्ट साइट पर जनसभा को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ तैयारी शुरू कर दी है।  

चुनावी दांव के तौर देखा जा रहा नाम में बदलाव

उधर, सियासी गलियारों में एक्सप्रेस वे के नाम बदलने को चुनावी दांव के तौर देखा जा रहा है। कहा जा रहा ब्राह्मण समाज बीजेपी से नाराज है। ऐसे में ब्राह्मणों को खुश करने के लिए एक्सप्रेस का नाम  अटल बिहारी के नाम से रखने की तैयारी की जा रही है। इससे पहले भी बीजेपी ने सम्मान देने के लिए स्थलों और परियोजनाओं को अटल बिहारी के नाम से किया है।  

 6-लेन का 165-किमी लंबा है युमना एक्‍सप्रेस-वे 

बसपा सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल में शुरू हुआ यह यूपी का पहला एक्‍सप्रेस-वे था। इसे ताज एक्सप्रेसवे के रूप में भी जाना जाता है। यह 6-लेन का 165-किमी लंबा एक्‍सप्रेस-वे है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा को उत्तर प्रदेश में आगरा से जोड़ता है। इस एक्‍सप्रेस वे पर 14000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई थी। हालांकि यह एक्‍सप्रेस-वे मायावती के समय में पूरा नहीं हो सका था। इसका उद्घाटन अखिलेश यादव की सरकार बनने के तीन महीने के बाद 9 अगस्त 2012 को नए मुख्यमंत्री बने अखिलेश यादव ने किया था। इस एक्‍सप्रेस-वे को जेपी ग्रुप ने बनाया था।