NIRF रैंकिंग में गलत आंकड़ों का हुआ इस्तेमाल, रखेंगे अपना पक्ष : एएमयू
नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओर से जारी रैंकिंग पर गुरुवार को एएमयू ने आपत्ति उठायी है। विवि प्रशासन का कहना है कि रैंकिंग में गलत आंकड़ों का इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में एचआरडी में...
नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओर से जारी रैंकिंग पर गुरुवार को एएमयू ने आपत्ति उठायी है। विवि प्रशासन का कहना है कि रैंकिंग में गलत आंकड़ों का इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में एचआरडी में शुक्रवार को अपना पक्ष रखकर विरोध जताएंगे।
एएमयू रैंकिंग कमेटी के चेयरमैन प्रोफेसर सालिम बेग ने रैंकिंग पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से समय समय पर अपलोड किया गया डेटा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्र जिन्होंने स्नातक किया, वह वर्षवार 2016-17 में 387, वर्ष 2017-18 में 312, वर्ष 2018-19 में 363 है। जबकि रैंकिंग में गलत आंकड़े ठीक नहीं हैं। जिसमें दिखाया गया कि वर्ष 2016-17 में 8, वर्ष 2017-18 में 10, वर्ष 2018-19 में 8 पीएचडी कराई गई हैं। इतना ही नहीं कुल 33 पीएचडी दिखायी गई हैं। जबकि वास्तविक डेटा 2911 है।
सालिम बेग ने कहा कि ऐसा लगता है कि गलत आंकड़ों की इस गणना ने विश्वविद्यालय के एनआईआरएफ रैंक पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इसमें सही आंकड़ों पर रैंकिंग जारी की जाती है तो विश्वविद्यालय में टॉप-10 में शामिल हो जाएगा।