CAA: लखनऊ के घंटाघर में महिलाओं का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। खुले आसमान के नीचे पिछले...
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। खुले आसमान के नीचे पिछले शुक्रवार से बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ स्थित घंटाघर के सामने प्रदर्शन कर रही हैं। उनके साथ बच्चे भी हैं। महिलाएं जमकर नारेबाजी कर रही हैं। देर रात प्रदर्शन में मुनव्वर राना की नातिन बीमार हो गई है। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। शाम तक और भीड़ बढ़ने की उम्मीद। वहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि रात में पुलिस ने कड़ाके की ठंड में कंबल छीन लिए गए और पानी डाला गया। महिलाओं ने कहा कि पुलिस प्रदर्शन को खत्म कराना चाहती है।
इन महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है, तब तक वे धरना समाप्त नहीं करेंगी। महिलाओं के धरने को सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों का भी समर्थन मिल रहा है। सिख समुदाय के कुछ लोगों ने शनिवार रात धरना स्थल पर पहुंचकर महिलाओं को खाने पीने का सामान दिया। उन्होंने कहा कि सीएए के दायरे से जिस तरह से मुसलमानों को बाहर रखा गया है, वह देश की गंगा जमुनी तहजीब के खिलाफ है, लिहाजा वे धरने पर बैठीं इन महिलाओं का समर्थन करते हैं।
हालात के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। महिलाओं ने शनिवार रात पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल भेंट कर अनूठे तरीके से प्रदर्शन किया। इस बीच, धरना दे रही महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने रात में पहुंचकर उनसे कंबल छीन लिए और वह खाने पीने का सामान भी अपने साथ ले गई। इस बारे में पुलिस के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो सका।