ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशइनसे सीखें: कोरोना के डर और लॉकडाउन के बीच समूह की महिलाओं ने बना डाले 5000 मास्क

इनसे सीखें: कोरोना के डर और लॉकडाउन के बीच समूह की महिलाओं ने बना डाले 5000 मास्क

गोरखपुर। मुख्य संवाददाता कोरोना वायसर की जंग में ग्रामीण क्षेत्र की उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह की महिलाएं भी उतर गई हैं। 20 मार्च से अब तक बांसगांव स्थित शिव शक्ति स्वयं...

समूह की महिलाओं ने बना दिए पांच हजार मास्‍क
1/ 2समूह की महिलाओं ने बना दिए पांच हजार मास्‍क
कोरोना के खौफ के बीच गोरखपुर की स्‍वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पेश की मिसाल। बना दिए 5 हजार मास्‍क
2/ 2कोरोना के खौफ के बीच गोरखपुर की स्‍वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पेश की मिसाल। बना दिए 5 हजार मास्‍क
मुख्‍य संवाददाता ,गोरखपुर Tue, 31 Mar 2020 09:53 AM
ऐप पर पढ़ें


गोरखपुर। मुख्य संवाददाता
कोरोना वायसर की जंग में ग्रामीण क्षेत्र की उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह की महिलाएं भी उतर गई हैं। 20 मार्च से अब तक बांसगांव स्थित शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने 5000 मास्क कर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया है। इससे उन्हें प्रति मास्क 3 से 4 रुपये तक की बचत भी हो जा रही है। यह मास्क गुणवत्ता में भी बाजार में उपलब्ध मास्क से बेहतर हैं।
 
बांसगांव के जिगना भिवाह गांव की ये 10 महिलाएं शिव शिक्त स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। समूह की संगीता बताती है कि 18-19 मार्च को समाचार पत्रों में कोरोना वायरस और मास्क बाजार में खत्म हो जाने की खबरें आ रहीं थी। तभी यह विचार आया कि हम भी मास्क सिल सकती हैं। इस बाबत बात की गई तो जिला मिशन प्रबंधन सचिन कुमार ने उपायुक्त स्वत: रोजगार एवं मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर से बात की। दोनों से हौसला बढ़ाया, विश्वास दिलाया कि वे सरकारी विभागों से उनकी खरीद सुनिश्चित करा देंगी। 

शशिकला, साधना और सीता बताती हैंं कि उनका सैम्पल बना कर डीएम के विजयेंद्र पांडियन के सामने रखा गया जिसमें 18 रुपये प्रति मास्क कीमत और गुणवत्ता को दूसरे अधिकारियों ने भी सराहा। किरन, आरती, इंद्रावती, स्नेहलता, खुसबू, मीरा कहती है कि 20 मार्च से अब तक 5000 मास्क बनाए हैं। इन मास्क को क्रमश: 8, 11, 18 और 20 रुपये प्रति मास्क की दर पर बिक्री किया जा रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने इन मास्क को स्वच्छता किट के लिए खरीदने का निर्णय लिया है। 

पहले बना रहीं थी कपड़े के थैले
इसके पहले यह समूह प्लास्टिक मुक्त अभियान के अंतर्गत कपड़े के थैले बना कर ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में बिक्री के लिए उपबल्ध करा रही थीं। लेकिन कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्होंने जनहित में मास्क बनाने का फैसला किया। 

‘‘महिला समूह से जुड़ी महिलाएं न केवल सोशल डिस्टेश का ध्यान रख रहीं बल्कि कोरोना के संक्रमण से स्वयं का बचाव करते हुए दूसरों के लिए मास्क उपलब्ध कराने में जुटी हैं। उन्हें लॉक डाउन की अवधि में काम भी मिल रहा है। कुछ और समूहो को भी प्रेरित किया जा रहा है।’’
हर्षिता माथुर, सीडीओ

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें