आजम जब-जब रहे मंत्री, तब-तब जौहर ट्रस्ट पर हुई धनवर्षा; अब इनकम टैक्स ने कसा शिकंजा
आजम खान जब कभी हुकूमत में रहे उनके जौहर ट्रस्ट पर खूब धनवर्षा हुई। ईडी की जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद इनकम टैक्स ने भी शिकंजा कस दिया है। 2012 से 2017 तक के रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।

Azam Khan News: जब-जब आजम खां सूबे की सरकार में मंत्री रहे, उनके जौहर ट्रस्ट पर खूब धनवर्षा हुई। जौहर विवि के निर्माण से लेकर उसके संचालन तक को आजम के समर्थकों ने दिल खोलकर चंदा दिया। ईडी की जांच में जब ये तथ्य प्रकाश में आए तो आयकर विभाग भी एक्टिव हो गया। पहले आजम के घर पर और उसके बाद में उनके करीबी ठेकेदारों के यहां छापामारी हुई। सूत्रों की मानें तो आयकर अधिकारी 2012 से 2017 का रिकार्ड खंगलवा रहे हैं। उन्हें आशंका है कि सपा शासनकाल में जौहर विवि में बड़ी कर चोरी की गई है।
धोखाधड़ी के केस में सजायाफ्ता आजम खां आजकल सीतापुर की जेल में बंद हैं। उन पर एक ओर ईडी का शिकंजा कसा हुआ है तो दूसरी ओर आयकर ने उनके करीबियों को रडार पर ले रखा् है। जानकारी में आया है कि जौहर ट्रस्ट को जब-जब प्रदेश में सपा की सरकारें रहीं तब-तब करोड़ों रुपये का दान मिला।
इसी की जांच के सिलसिले में चंद रोज पहले आजम के करीबी ठेकेदारों के यहां आयकर की छापामारी हुई थी। बड़े ठेकेदार फरहत के यहां से आईटी मोबाइल, हार्ड डिस्क, डायरी और पेनड्राइव अपने साथ ले गई है। दिल्ली में एक्सपर्ट्स् से डाटा रिकवर कराया जा रहा है।आजम की हनक या फिर आजम को खुश कर करोड़ों के ठेके लेने की ठेकेदारों की चाहत, वजह जो भी हो अब करोड़ों का चंदा गले की फांस बन गया है।
ट्रस्ट पर यह हैं आरोप
-खातों और अभिलेखों की किताबों में दान रसीद के रूप में अवैध धन दिखा कर संपत्ति की पहले से ही कम मूल्य वाली कीमतों से मेल खाने की साजिश।
-आय और दान के माध्यम से प्रबंधित दान को कर योग्यता से बचा गया।
-काले धन की शेष राशि को बहीखातों में से निवेश किया गया था ताकि अधिकारियों द्वारा देखी गई दान राशि के अत्याधिक खुलासे से बचा जा सके।
जौहर ट्रस्ट को कब कितना मिला चंदा
वित्तीय वर्ष चंदा (लाख में)
2011-12 60.85
2012-13 528.95
2013-14 285.17
2014-15 501.71
2015-16 2222.50
2016-17 469.60
