जानिए यूपी में पिछले साल के मुकाबले इस बार कितनी हुई गेहूं खरीद, खुश कर देने वाले हैं आंकड़े
कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के प्रबंधों के साथ राज्य में शुरू गेहूं खरीद ने तेजी पकड़ ली है। इस समय तक पिछले साल के मुकाबले करीब चार गुना अधिक गेहूं खरीदने का दावा सहकारिता विभाग का है। किसानों...

कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के प्रबंधों के साथ राज्य में शुरू गेहूं खरीद ने तेजी पकड़ ली है। इस समय तक पिछले साल के मुकाबले करीब चार गुना अधिक गेहूं खरीदने का दावा सहकारिता विभाग का है। किसानों द्वारा गेहूं बेचने की गति यही बनी रही तो राज्य सरकार द्वारा खरीद के लिए तय लक्ष्य समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा। दो मई के बाद खरीद में और तेजी आने की उम्मीद है।
5.70 लाख एमटी गेहूं खरीदे हैं सहकारिता की एजेंसियों ने
सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव एमवीएस रामीरेड्डी के मुताबिक सहकारिता विभाग की तीनों खरीद एजेंसियों ने सोमवार तक 5.70 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद लिए थे। खरीदे गए कुल गेहूं के मूल्य 1019 करोड़ में से 610 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को कर दिया गया है, शेष भुगतान भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया है कि पिछले साल 26 अप्रैल तक हुई कुल खरीद के मुकाबले इस बार 26 अप्रैल तक करीब चार गुना अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है।
कोविड के कारण 100 खरीद केंद्र बंद
अपर मुख्य सचिव ने बताया है कि विभाग की तीनों खरीद एजेंसियों को राज्य में 4172 क्रय केंद्र खोलकर गेहूं का खरीद किया जाता था, इसमें से 4072 क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू हो चुकी है। करीब 100 खरीद केंद्र कर्मचारियों के कोविड-19 संक्रमण तथा अन्य कारणों से नहीं खुल सके हैं। इन्हें भी वैकल्पिक स्टाफ का प्रबंध कर खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उनका मानना है कि दो मई को पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद गेहूं खरीद में और तेजी आएगी।
सहकारिता विभाग को 33.5 लाख एमटी खरीद का मिला है लक्ष्य
राज्य सरकार ने इस बार करीब 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। इस कुल खरीद में से 33.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य सहकारिता विभाग को दिया गया है। इतनी गेहूं खरीदने के लिए सहकारिता विभाग को करीब 8000 करोड़ रुपये खर्च करने हैं। खरीद के लिए विभाग ने वित्तीय संस्थाओं से 3800 करोड़ रुपये कर्ज लिए हैं।
