ये क्या हो रहा है विधायक आवास के गैराजों में? LIU ने भी शुरू की जांच; जानें पूरा मामला
हजरतगंज पुलिस ने रिपोर्ट भेजी थी कि यहां काबिज लोग बिहार के मधुबनी और पं. बंगाल के लोग हैं। इनके स्थानीय पहचान पत्र बन गये है। इसके जरिये बने आधार कार्ड पर लिखे पते की पुष्टि नहीं हो रही है।
MLA's Residence: लखनऊ के दारुलशफा स्थित विधायक आवास में विधायकों को आवंटित गैराजों में अनाधिकृत दुकानें और कारखाने चलने के मामले में एलआईयू ने भी जांच शुरू कर दी है। हजरतगंज पुलिस ने रिपोर्ट भेजी थी कि यहां काबिज लोग बिहार के मधुबनी और पं. बंगाल के लोग हैं और इनके स्थानीय पहचान पत्र बन गये है। इसके जरिये बने आधार कार्ड पर लिखे पते की पुष्टि नहीं हो रही है। साथ ही इनमें किसी के पास राज्य सम्पत्ति विभाग का आवंटन पत्र भी नहीं मिला है।
हजरतगंज पुलिस की इस रिपोर्ट को बेहद गम्भीरता से लिया गया है। हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह की रिपोर्ट पर एडीसीपी व डीसीपी ने इस बारे में एलआईयू को भी पत्र भेजा था। यहां के दुकानों में कब्जा करने वाले अधिकतर लोगों की सूची पूरे ब्योरे के साथ खुफिया इकाई के अफसरों को दी गई है। इस पर ही एक टीम गुरुवार को गुपचुप तरीके से विधायक आवास के अंदर चहलकदमी करती रही। इस दौरान उसने पूरे परिसर का भ्रमण किया। फिर यहां के कुछ लोगों से बात की।
एलआईयू टीम पहुंचने की खबर मिलते ही यहां के कई गैराज में ताला लगा मिला। ये लोग यहां से चले गये। इनके बारे में दूसरे लोग भी कुछ नहीं बोल रहे है। डीसीपी ने पत्र में लिखा था कि बिना स्थानीय निवास के आधार कार्ड बनने से आगामी लोकसभा चुनाव में किसी अप्रिय घटना के होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने राज्य सम्पत्ति अधिकारी से ब्योरा मांगा है। पड़ताल में यह बात भी सामने आयी है कि कई दुकानदारों से किराया भी वसूला जा रहा है। नियमानुसर इसका आंवटन हो नहीं सकता।
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