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यूपी में अब अपराधों की जांच के लिए अलग इन्वेस्टिगेशन टीम, जानें कैसे करेगी काम

यूपी पुलिस को चुस्त-दुरुस्त बनाने में योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में बढ़ रही पुलिस की चुनौतियों और उनकी जिम्मेदारियों को देखते हुए राज्य में अब कानून व्यवस्था व आपराध की विवेचना...

यूपी में अब अपराधों की जांच के लिए अलग इन्वेस्टिगेशन टीम, जानें कैसे करेगी काम
लाइव हिन्दुस्तान,लखनऊSat, 25 Jan 2020 12:08 PM
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यूपी पुलिस को चुस्त-दुरुस्त बनाने में योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में बढ़ रही पुलिस की चुनौतियों और उनकी जिम्मेदारियों को देखते हुए राज्य में अब कानून व्यवस्था व आपराध की विवेचना करने लिए अलग-अलग टीम होगी। अब जिला मुख्यालय के अलावा हर थाने पर एक क्राइम ब्रांच गठित किया जाएगा। इसको लेकर योगी सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। आइए जानते हैं कैसे होगा काम का बंटवारा...

ऐसी होगी विवेचना इकाई

  • उपनिरीक्षक 1
  • आरक्षी 1
  • महिला आरक्षी 
  • एक से दो टीम के लिए    1
  • 3 से पांच टीम के लिए    2
  • 5 से अधिक लोगों की टीम के लिए 3
  • 948 थानों में नियुक्त निरीक्षक अपराध के साथ 2 आरक्षी और एक महिला आरक्षी नियुक्त होंगे

एक साल में 40 विवेचनाएं: यदि किसी थाने की विवेचना टीम के पास साल में 40 से कम विवेचनाएं हैं तो सीओ/सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा अन्य अपराधों की विवेचना आवंटित की जाएगी।

  • 50 लाख से अधिक के आर्थिक धोखाधड़ी के अपराध
  • जाली मुद्रा के अपराध
  • आईटी एक्ट के अपराध
  • भारतीय दंड विधान की धारा 406, 407, 408, 409, 420, 424, 465, 467, 468, 471 और 472
  • पॉक्सो के अंतर्गत दर्ज मामले
  • राष्ट्र के खिलाफ किए गए अपराध
  • एनडीपीए एक्ट के वे अपराध जिनमें बरामदगी व्यावसायिक मात्रा की श्रेणी में हो
  • विस्फोटक पदार्थ अधिनियम
  • संगठित शराब तस्करी और हथियार तस्करी से जुड़े मामले

ऐसे काम करेगी विवेचना ईकाई

  • किसी घटना के बाद पहले जिस तरह पुलिस कार्यवाही करती थी वैसे ही करेगी लेकिन अब नई व्यवस्था में विवेचना करने वाली टीम भी घटना स्थल पर पहुंचकर विधिक कार्यवाही करेगी।
  • एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचना ईकाई द्वारा की जाने वाली विवेचनाओं का आवंटन टीम के विवेचकों को दिया जाएगा।
  • निरीक्षक आपराध, प्रभारी निरीक्षक की अनुपस्थिति में प्रभारी निरीक्षक के दायित्यों का निर्वहन करेंगे।
  • किसी भी परिस्थिति में कानून-व्यवस्था संभाल रही पुलिस को विवेचना स्थानांतरित नहीं की जाएगी।
  • किसी भी विवेचना ईकाई को दूसरी ईकाई या थाने में ट्रांसफर पुराने नियमों के आधार पर होगा। 

ये होगी जिम्मेदारी

  • घटना स्थल पर सभी सबूतों को फॉरेंसिक टीम की मदद से इकट्ठा करना
  • पुलस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी कार्यालय में स्थापित मॉनिटरिंग सेल से समन्वय स्थापित करना और कोर्ट में विचाराधीन जघन्य मामलों की प्रभावी पैरवी करना।
  • सम्मन, वारंट का तामीला और समय पर कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित कराना
  • अभियुक्तों के रिमांड की कार्यवाही, जमानतदारों का सत्यापन और कोर्ट में आख्या प्रस्तुत करना
  • जमानत पर रिहा अभियुक्तों द्वारा जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ जमानत रद्द करवाने की कार्यवाही करना 

विवेचना की कार्ययोजना
सभी विवेचनाओं की कार्ययोजना थाना प्रभारी के माध्यम से ही तैयार होगी। इसे सीओ या सहायक पुलिस आयुक्त को भेजी जाएगी।

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