पूर्वांचल में बढ़ा नदियों का जलस्तर, 10 जिलों पर मंडराया खतरा, अलर्ट पर बाढ़ चौकियां, उफान पर गंगा
पूर्वांचल के दस जिलों में बाढ़ का संकट मंडरा रहा है। मंगलवार को जहां गगा उफान पर रही, वहीं सोनभद्र में पहाड़ी नदियों के जलस्तर में कमी दर्ज की गई। हालांकि घाघरा नदी घटने के बाद स्थिर हो गई। जिले में...
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पूर्वांचल के दस जिलों में बाढ़ का संकट मंडरा रहा है। मंगलवार को जहां गगा उफान पर रही, वहीं सोनभद्र में पहाड़ी नदियों के जलस्तर में कमी दर्ज की गई। हालांकि घाघरा नदी घटने के बाद स्थिर हो गई। जिले में बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है।
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ाव जारी है। मंगलवार को गंगा का जल दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला मंदिर की डेहरी पार कर गया। इससे मंदिर में श्रद्धालुओं का आवागमन लगभग बंद हो गया। कुछ नेमी नाव से मंदिर द्वार तक पहुंचकर दर्शन कर पा रहे थे। पिछले 24 घंटे में जलस्तर एक मीटर से ज्यादा बढ़ा है।
सोमवार को नदी का जलस्तर 66.52 मीटर था जो मंगलवार सुबह आठ बजे 67.54 मीटर पर पहुंच गया। उधर मिर्जापुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली और भदोही में भी मंगलवार को गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। गाजीपुर और बलिया में गंगा खतरा बिंदु के पास पहुंच गई है।
गंगा के जलस्तर में फिलहाल चार सेमी प्रति घंटे की वृद्धि हो रही है। जिले में बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। उधर सोनभद्र में बकहर नदी का जलस्तर घटने के साथ घोरावल-मिर्जापुर मार्ग मंगलवार से चालू हो गया है। कई इलाकों में आवागमन अब भी बाधित है।
मऊ में घाघरा नदी का जलस्तर 24 घंटे में दो सेमी घटने के बाद मंगलवार को नदी पूरे दिन स्थिर रही। जलस्तर स्थिर होने से नवली गांव के समीप कटान शुरू है। मिर्जापुर में गंगा के जलस्तर में दो सेमी प्रति घंटे वृद्धि दर्ज की गई है।