बारिश की वजह से वाराणसी में बढ़ा गंगा का जलस्तर, कई घाट डूबे, छत से हो रही गंगा आरती
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से कई घाट जलमग्न हो गए हैं। गंगा आरती छत से ही की जा रही है।
महादेव की नगरी कही जाने वाली काशी यानी बनारस में इन दिनों भारी बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। आलम ये है कि गंगा घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। बारिश की वजह से कई घाट और मंदिर पूरी तरह डूब चुके हैं। गंगा के बड़े जलस्तर की वजह से वाराणसी के मशहूर दशाश्वेघ घाट पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती फिलहाल सांकेतिक तौर पर हो रही है। कारण ये कि दशाश्वेघ घाट भी नदी में डूबा हुआ है। फिलहाल छत पर पर्दा लगाकर किसी तरह अर्चक द्वारा गंगा आरती की जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि गंगा आरती देखने के लिए हर रोज और खास तौर पर सावन के महीने में भक्तों की भारी भीड़ दशाश्वेघ घाट पर आती है। जानकारी के मुताबिक फिलहाल वाराणसी में गंगा जी का जलस्तर 66 मीटर है जो डेजर लेवल से सवा चार मीटर नीचे है। प्रशासन गंगा के जलस्तर को लेकर पूरी तरह अलर्ट है।
गंगा सेवा समिति के कोषाध्यक्षआशीष तिवारी के मुताबिक प्रशासन ने गंगा समिति से बात कर सुरक्षा के मद्देनजर अर्चक द्वारा सांकेतिक तौर पर आरती करने को कहा है। उन्होंने ये भी बताया कि गंगा आरती घाट की सीढ़ियों की बजाय छत पर हो रही है। ऐसा इसलिए ताकि गंगा आरती की परंपरा भी बनी रहे और किसी प्रकार का हादसा भी ना हो।
आरती के दौरान किसी तरह का कोई हादसा ना हो इसलिए पुलिस प्रशासन ने गंगा सेवा निधि को सांकेतिक तौर पर आरती करने को कहा है। दरअसल सावन के महीने में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु बनारस आते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बनारस में काशी विश्वनाथ जी का मंदिर है। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिरलिंगों में से एक है।
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