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वायरल वीडियो केस: आईएएस इफ्तिखारुद्दीन की किताबें छापने वाला प्रिंटिंग प्रेस ही नहीं मिला

सीनियर आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने जिस प्रेस से किताबें छपवाई थीं, उसकी जानकारी अब तक एसआईटी को नहीं मिली है। प्रेस का पता लगाने के लिए 24 घंटे लिए रिपोर्ट को होल्ड करके रखा गया है।...

वायरल वीडियो केस: आईएएस इफ्तिखारुद्दीन की किताबें छापने वाला प्रिंटिंग प्रेस ही नहीं मिला
वरिष्ठ संवाददाता ,कानपुर Wed, 13 Oct 2021 09:45 AM

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सीनियर आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने जिस प्रेस से किताबें छपवाई थीं, उसकी जानकारी अब तक एसआईटी को नहीं मिली है। प्रेस का पता लगाने के लिए 24 घंटे लिए रिपोर्ट को होल्ड करके रखा गया है। बुधवार तक एसआईटी प्रेस का पता नहीं लगा सकी तो शासन को रिपोर्ट सौंप देगी।

विवादित वीडियो को लेकर गठित एसआईटी ने सारे सबूत जुटा लिए हैं। इस दौरान अधिकारी द्वारा लिखी गई तीन किताबों को लेकर भी जांच की गई है, जिसे रिपोर्ट में शामिल किया गया है। एसआईटी ने अधिकारी से बयान लिए तो उन्होंने भी किताबों को खुद छपवाने की बात स्वीकार की है। किताबें किस प्रेस में छपीं इसका पता लगाने का एसआईटी ने बहुत प्रयास किया मगर जानकारी नहीं हो सकी।

रिपोर्ट तैयार, आखिरी बार प्रयास 

एसआईटी सूत्रों के मुताबिक, मामले की पूरी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। बस उस प्रेस के बारे में पता लगाया जा रहा है, जहां पर किताबें छापी गई हैं। इसके लिए बुधवार तक का समय लिया गया है। उस समय तक प्रेस के बारे में जानकारी मिल जाती है तो उसे भी जांच में शामिल कर लिया जाएगा, नहीं तो एसआईटी फाइनल रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। उसके बाद जो जांच एजेंसी होगी, वह अपने स्तर पर प्रिंटिंग प्रेस के बारे में पता लगाएगी।

तीन हार्ड ड्राइव में कैद हैं आईएएस अफसर के वीडियो

आईएएस अधिकारी के विवादित वायरल वीडियो को एसआईटी ने बहुत बारीकी से देखा है। विवादित हिस्से को अलग-अलग कर हार्ड डिस्क में सेव किया गया है। एसआईटी ने ऐसे तमाम वीडियो क्लिपिंग की तीन हार्ड डिस्क तैयार की हैं, जिन्हें रिपोर्ट के साथ शासन को सौंपा जाएगा। एसआईटी अध्यक्ष व डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा ने जांच का जिम्मा अपने विभाग के सबसे काबिल अफसरों को सौंपा था। मॉनीटरिंग एसआईटी सदस्य के तौर पर एडीजी जोन भानु भास्कर कर रहे थे। उन्हीं के आवास में एसआईटी का ऑफिस खुला था।

सूत्रों के मुताबिक, 8-9 घंटे के तीन बड़े वीडियो थे, जिनके अंश अलग-अलग करके वायरल किया गया। एसआईटी ने पूरे वीडियो देखे। उनमें से विवादित हिस्से को अलग किया। अब इन्हें तीन हार्ड डिस्क में सेव किया गया है। दो जीबी की दो और 16 जीबी की एक हार्ड डिस्क भर गई है। इन्हें जांच रिपोर्ट के साथ शासन को सौंपा जाएगा। रिपोर्ट को अंतिम रूप से जांचने के बाद एसआईटी सदस्य उसे लेकर लखनऊ रवाना हो गए। वहां पर एसआईटी अध्यक्ष रिपोर्ट को फाइनल चेक करने के बाद हस्ताक्षर कर शासन को सौंप देंगे। रिपोर्ट लगभग 550 पन्नों की है।

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