कानपुर मुठभेड़ के मुख्य आरोपी विकास दुबे की हो चुकी है लखनऊ और सहारनपुर से एक-एक बार गिरफ्तारी
कानपुर में बदमाशों द्वारा पुलिस पर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। एक सीओ और दो एसओ समेत आठ पुलिसकमिर्यों पर हमला करके जान लेने का आरोपी कुख्यात बदमाश विकास दुबे सहारनपुर पुलिस की...
कानपुर में बदमाशों द्वारा पुलिस पर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। एक सीओ और दो एसओ समेत आठ पुलिसकमिर्यों पर हमला करके जान लेने का आरोपी कुख्यात बदमाश विकास दुबे सहारनपुर पुलिस की हवालात में भी रह चुका है। एक बार लखनऊ में भी उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है।
वर्ष 2006 में जनकपुरी पुलिस ने उसे एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किया था। आठ पुलिस कमिर्यों की हत्या कर सूबे में सनसनी फैलाना वाला विकास दुबे वर्ष 2006 में सहारनपुर में आया था। 25 जून 2006 को उसे नशीले पदार्थ के साथ थाना जनकपुरी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस समय यहां पर एसएसपी के पद पर तैनात और मौजूदा समय में एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने विकास दुबे से थाने जाकर लंबी पूछताछ की थी। बताया जाता है कि काफी देर की पूछताछ के बाद भी वह टूटा नहीं था। उसने कुछ भी नहीं उगला था। उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। इंसपेक्टर जनकपुरी अभिषेक सिरोही ने बताया कि थाने के रिकार्ड के मुताबिक विकास दुबे की यहां पर वर्ष 2006 में गिरफ्तारी हुई थी।उधर एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि विकास दुबे को नारकोटिक्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था।
लखनऊ से भी हो चुका है गिरफ्तार :
एसटीएफ ने अक्टूबर में लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र से विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया था। उस समय कानपुर पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। अक्टूबर में चौबेपुर थाने के बिकरू गांव निवासी कुख्यात विकास दुबे लखनऊ के कृष्णानगर में रह रहा था। उसके खिलाफ हाल में चौबेपुर से बलवा, हत्या और षड्यंत्र की धारा और शिवराजपुर से मारपीट जान से मारने की धमकी, जान से मारने का प्रयास और 7 सीएलए एक्ट के तहत दो मामले दर्ज हुए थे। दोनों मामलों में विकास फरार चल रहा था। जिला पुलिस जब गिरफ्तार नहीं कर पाई तो लखनऊ एसटीएफ को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।