विकास दुबे कब तक रहेगा जिंदा? जानिए FIR से नाम निकालने की पुलिस की अर्जी पर कोर्ट में क्या हुआ
कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की आधी रात को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के 8 दिन के अंदर ही पुलिस और STF ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को मार गिराया था लेकिन कोर्ट की फाइलों में वह आज भी जिंदा है।
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बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतारने वाला कुख्यात विकास दुबे भले पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया हो मगर कोर्ट की फाइलों में फिलहाल वह जिंदा रहेगा। उसका कारण है गलत मृत्यु प्रमाण पत्र। जब तक यह त्रुटि ठीक नहीं हो जाती तब तक पुलिस को भी इसका खामियाजा भुगतना होगा। बिल्हौर पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक मामले में कोर्ट से विकास दुबे और उसके भाई अतुल दुबे का नाम निकलवाने की अर्जी दी। जिसपर कोर्ट ने पुलिस से विकास दुबे और अतुल दुबे का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा है।
बिल्हौर थाने में पूर्व एसओ सतीशचन्द्र यादव ने 10 जुलाई 2005 को विकास दुबे, अतुल दुबे, अनुराग दुबे, शिवसिंह यादव और जिलेदार यादव के खिलाफ धारा 147,148,149(बलवा) और 307(जान से मारने का प्रयास) की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक पूर्व एसओ पुलिस टीम के साथ नानामऊ तिराहा बिल्हौर के पास वाहन चेकिंग करा रहे थे।
उसी दौरान विकास दुबे अपने गुर्गों के साथ वहां पहुंचा। उसने व उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इस मामले में सभी आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने नवम्बर 2005 में चार्जशीट भी लगा दी थी। उसके बाद इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कानपुर देहात के यहां ट्रायल शुरू हो गया।