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विकास दुबे कांड: जय बाजपेई के घर की कुर्की करने पहुंची नगर निगम की टीम

कानपुर नगर निगम की टीम शुक्रवार को जयकांत बाजपेई के ब्रह्मनगर स्थित घर पर टैक्स वसूलने पहुंची। टीम में शामिल अफसरों का कहना था कि टैक्स न मिलने के कारण कुर्की की कार्रवाई कराई जानी थी। मगर वहां पर...

विकास दुबे कांड: जय बाजपेई के घर की कुर्की करने पहुंची नगर निगम की टीम
कानपुर वरिष्ठ संवाददाता Fri, 22 Jan 2021 10:36 PM
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कानपुर नगर निगम की टीम शुक्रवार को जयकांत बाजपेई के ब्रह्मनगर स्थित घर पर टैक्स वसूलने पहुंची। टीम में शामिल अफसरों का कहना था कि टैक्स न मिलने के कारण कुर्की की कार्रवाई कराई जानी थी। मगर वहां पर पहले से ही सम्पत्ति जब्त हो रखी थी। इस कारण नगर निगम की टीम उसपर नोटिस चस्पा करके वापस लौट आई। 

जयकांत बाजपेई के ब्रह्मनगर स्थित मकान नम्बर 111/478 पर 2.4 लाख रुपए, 111/481 पर 32 हजार रुपए का टैक्स बकाया है। इसके अलावा मकान नम्बर 107/298 और 107/300  पर भी हजारों रुपयों का टैक्स बकाया चल रहा है। जयकांत बाजपेई की तरफ से फरवरी 2020 में ब्रह्मनगर वाले मकान का टैक्स चुकाने के लिए 54 हजार रुपए की चेक दी गई थी। मगर वह बाउंस कर गई थी।

नगर निगम में कई बार इस मामले को लेकर उसे नोटिस भी भेजा पर उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद कर अधीक्षक राम अचल के नेतृत्व में नगर निगम टीम टैक्स वसूलने के लिए पहुंची। जोनल प्रभारी पूजा त्रिपाठी ने बताया कि वहां पर सम्पत्ति को पहले से ही जब्त किया जा चुका है। लिहाजा नगर निगम अपनी कार्रवाई नहीं कर सका है। उनके यहां नोटिस चस्पा कर दिया गया है।

जय की जमानत पर सुनवाई 29 को
स्पेशल कोर्ट गैंगस्टर में शुक्रवार को जयकांत बाजपेई की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। इस दौरान बचाव पक्ष के वकील ने पुलिस द्वारा पेश की गई अपराधिक हिस्ट्री पर आपत्ति दर्ज कराई। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए विवेचक को तलब किया है। सुनवाई के लिए अगली तिथि 29 जनवरी की दी गई है। नजीराबाद पुलिस ने जयकांत बाजपेई और उसके भाइयों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज की थी। इसमें उसके दो भाइयों को पूर्व में जमानत मिल चुकी है। वहीं शुक्रवार को कोर्ट में जयकांत बाजपेई की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। इस दौरान नजीराबाद पुलिस ने जयकांत का अपराधिक इतिहास कोर्ट में प्रस्तुत किया। पुलिस का मकसद जयकांत की जमानत अर्जी निरस्त कराना था।

 अपराधिक इतिहास देखने के बाद बचाव पक्ष के वकील शिवाकांत दीक्षित ने आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अपराधिक इतिहास में दो मामले ऐसे जोड़े गए हैं जिनमें से एक मामले में दस साल पहले एफआर लग चुकी है और एक मामले में जयकांत को पांच साल पहले दोषमुक्त किया जा चुका है। उसके बाद भी पुलिस उसे क्रिमिनल हिस्ट्री में जोड़े है। इस पर कोर्ट ने विवेचक को 29 जनवरी को तलब कर लिया।

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