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कानपुर : विकास दुबे के करीबी जय बाजपेई का मकान गिराने की प्रक्रिया शुरू

बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के गुर्गे जय बाजपेई का ब्रह्मनगर स्थित मकान गिराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केडीए ने उसके मकान समेत शहर के अन्य इलाकों में हुए 41 पक्के निर्माण करने वालों को...

कानपुर : विकास दुबे के करीबी जय बाजपेई का मकान गिराने की प्रक्रिया शुरू
प्रमुख संवाददाता, कानपुरThu, 18 Feb 2021 06:00 AM
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बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के गुर्गे जय बाजपेई का ब्रह्मनगर स्थित मकान गिराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केडीए ने उसके मकान समेत शहर के अन्य इलाकों में हुए 41 पक्के निर्माण करने वालों को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने जय को 15 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है। अगर जवाब नहीं आया तो ध्वस्तीरण का निर्देश जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद किसी भी वक्त इमारत ढहाई जा सकती है।

प्रशासन से लेनी होगी अनुमति
कानपुर विकास प्राधिकरण को प्रशासन से भी अनुमति लेनी पड़ेगी, क्योंकि इस इमारत को प्रशासन ने ही सील किया था। बिना सील खोले ढहाए जाने का प्रावधान नहीं है। इसके लिए प्रशासन को केडीए पत्र लिखेगा। पहले जेसीबी और पोकलैंड से दीवारें ढहाई जाएंगी। इसके बाद मजदूरों के माध्यम से बाकी हिस्सा तोड़ा जाएगा ताकि बगल के मकानों को कोई नुकसान न पहुंचे। वहीं, 40 अवैध निर्माण न्यू कानपुर सिटी के ढहाए जाएंगे। इसमें धीरे-धीरे ध्वस्तीकरण का निर्देश जारी हो रहा है। केडीए के अधिशासी अभियंता प्रवर्तन जोन एक आरआरपी सिंह ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए कवायद शुरू हो चुकी है।

पूर्व डीआईजी और एसपी पर क्या कार्रवाई होगी, तय करेंगी आईजी लखनऊ
बिकरू कांड में आरोपित पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी और पूर्व एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए यह आईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह तय करेंगी। जांच रिपोर्ट यहां से जाने के बाद उन्हें पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। दोनों मामलों में जिरह के बाद अधिकारियों के खिलाफ सजा तय की जाएगी।

एसआईटी की जांच रिपोर्ट में अनंत देव और प्रद्युम्न को आरोपित माना गया था। यहां से दोनों की जांच रिपोर्ट लखनऊ भेजी गई थी। शासन ने पीठासीन अधिकारी के तौर पर आईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह को नियुक्त किया है। दोनों अधिकारियों को दंड देने पर सुनवाई वही करेंगी। इस मामले में नोटिस जल्द ही तामील कराई जाएगी और कोर्ट रूम की तरह बहस और जिरह होगी। उसके बाद आईजी तय करेंगी कि दोनों को धारा 14(1) बड़ा दंड या 14(2) लघु दंड किसके तहत कार्रवाई की जाए। एसआईटी रिपोर्ट के बाद यहां से पूर्व एडीजी ने दोनों की रिपोर्ट बनाकर लखनऊ भेजी थी। जिसमें उन्हें लापरवाही का आरोपित माना गया था।

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