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विकास दुबे केस : एनकाउंटर में मारे गए प्रेम की बहु मनु पांडेय हुई 'आजाद', उसी के घर में मारे गए थे सीओ और सिपाही 

कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में 3 जुलाई को एनकाउंटर में मारे गए प्रेम प्रकाश पाण्डेय की बहू मनु पाण्डेय अब आजाद है। उसका पति शशिकांत पाण्डेय इसी कांड में जेल जा चुका है। इस कांड के बाद से मनु...

विकास दुबे केस : एनकाउंटर में मारे गए प्रेम की बहु मनु पांडेय हुई 'आजाद', उसी के घर में मारे गए थे सीओ और सिपाही 
हिन्दुस्तान ब्यूरो,कानपुर Fri, 25 Sep 2020 07:36 AM
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कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में 3 जुलाई को एनकाउंटर में मारे गए प्रेम प्रकाश पाण्डेय की बहू मनु पाण्डेय अब आजाद है। उसका पति शशिकांत पाण्डेय इसी कांड में जेल जा चुका है। इस कांड के बाद से मनु पुलिस की निगरानी में थी। उसके घर के बाहर पुलिस का पहरा था पर अब वह पुलिस पहरे से आजाद हो चुकी है और अपने जीवन को सामान्य बनाने का प्रयत्न कर रही है। मनु सरकारी गवाह बनेगी कि नहीं। इस बिन्दु पर फिलहाल पुलिस किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी है। 

2 जुलाई की देर रात आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद 3 जुलाई की सुबह पुलिस ने मनु के ससुर प्रेम प्रकाश पाण्डेय को एनकाउंटर में मार गिराया था। 14 जुलाई को पुलिस ने इस मामले में मनु पाण्डेय के पति शशिकांत को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और 15 जुलाई को मनु के घर पर पुलिस फोर्स को बैठाकर निगरानी शुरू कर दी गई थी। मनु पाण्डेय, उसकी सास सुषमा और दोनों बच्चे घर में ही कैद थे। उन्हें कहीं आने-जाने की अनुमति नहीं थी। इस दौरान एसआईटी और न्यायिक जांच आयोग के सामने मनु पाण्डेय ने पूरी घटना को विस्तार से बताया। बीच में पुलिस अधिकारियों द्वारा यह तय किया गया कि उसे बिकरू कांड में सरकारी गवाह बनाया जाएगा पर बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया 
 
6 सितम्बर को फोर्स हटाई गई थी  
6 सितम्बर को मनु के यहां से फोर्स पूरी तरह से हटा ली गई। उसके आने जाने पर पाबंदी खत्म कर दी गई है। अब स्थिति ऐसी है कि मनु गांव में लोगों के यहां आ जा सकती है। वह घर का थोड़ा बहुत सामान लेने के लिए भी निकलती है मगर दूसरों से कांड को लेकर बात करने में अब वह कतराने लगी है।

पुलिस ने की बात 
चौबेपुर थाने में तैनात एसआई देवेन्द्र सिंह बुधवार को मनु पाण्डेय के यहां गए थे। उससे लगभग आधा घंटे तक पूछताछ करके वापस चले गए। मनु ने दोनों के बीच क्या बात हुई यह बताने से इंकार कर दिया। उसका कहना था जो भी पुलिस-प्रशासन ने उसके लिए तय किया होगा। वह उसी के अनुसार कार्य करेगी। 

रिश्तेदार कर रहे मदद 
पहरे के दौरान रिश्तेदारों से मनु खाद्य सामग्री व गृहस्थी का सामान मंगा लेती थी। जो उसके यहां चेक होकर आता था। मगर अब रिश्तेदार आराम से उसके यहां सामान पहुंचा रहे हैं। मनु के मुताबिक अब जब पति जेल से जमानत पर छूटेगा। तब भी उसकी गृहस्थी ठीक से बस सकेगी। 

फोर्स हटी पर निगरानी जारी
मनु को सरकारी गवाह बनाए जाने को लेकर विचार किया जा रहा है। उसके घर से सिपाहियों को हटाया गया है मगर निगरानी जारी है। घटना में उसके रोल को लेकर समीक्षा जारी है। जल्द ही इसपर निर्णय ले लिया जाएगा। -- मोहित अग्रवाल, आईजी रेंज 

15-20 गांव की सुरक्षा में चार सिपाही 
बिकरू गांव और उससे लगे 15-20 गांवों की सुरक्षा के लिए चार सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाती है। हालांकि घटना के बाद अधिकारियों ने वहां चौकी खोलने के निर्देश दिए थे। जिसके लिए चौकी इंचार्ज समेत 13 सिपाही तैनात भी हुए थे मगर चौकी कभी बनी नहीं और चयनित पुलिस कर्मी अभी भी चौबेपुर थाने में ड्यूटी कर रहे हैं।

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