महोबा के चर्चित मर्डर केस में एसआईटी की रिपोर्ट पर विजिलेंस की भी नजर
महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रहा सर्तकता अधिष्ठान (विजिलेंस) की नजर एसआईटी की रिपोर्ट पर भी है। वाराणसी रेंज के आईजी विजय सिंह मीना की अध्यक्षता...
महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रहा सर्तकता अधिष्ठान (विजिलेंस) की नजर एसआईटी की रिपोर्ट पर भी है। वाराणसी रेंज के आईजी विजय सिंह मीना की अध्यक्षता में गठित इस तीन सदस्यीय एसआईटी ने अपनी जांच में यह मान लिया है कि तत्कालीन एसपी के दबाव में पुलिस क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी का उत्पीड़न कर रही थी। इससे इंद्रकांत मानसिक रूप से बेहद परेशान थे।
एसआईटी की रिपोर्ट यह साफ संकेत दे रही है कि महोबा में पुलिस का तंत्र धनउगाही में लगा हुआ था। एसपी पर पैसा मांगने का आरोप लगाने के बाद इंद्रकांत अपनी जान को खतरा बताने लगे थे। इसी बीच वह संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुए और अंतत: उनकी मौत हो गई। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में मानसिक रूप से भारी तनाव में होने के कारण इंद्रकांत द्वारा आत्महत्या किए जाने का अंदेशा जताया है।
यह निष्कर्ष इस आधार पर भी निकाला जा रहा है कि इंद्रकांत को अपनी ही लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली लगी है। इस तरह एसआईटी की जांच में एसपी के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की संभावना दिख रही है। विजिलेंस की पूरी जांच ही एसपी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रित है। विजिलेंस की टीम ने भी जिले का दौरा कर पुलिसकर्मियों से लेकर मृतक व्यापारी के परिवारीजनों तक से पूछताछ की थी।
सूत्रों के अनुसार विजिलेंस मणिलाल पाटीदार की संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। इसमें बैंक खातों का विवरण भी शामिल है। महोबा में दर्ज मुकदमे में वांछित होने के कारण पाटीदार फरार चल रहे हैं। पुलिस के साथ ही एसआईटी तक अभी तक उनके पूछताछ नहीं कर पाई है। अपनी जांच के दौरान विजिलेंस उनका भी बयान दर्ज करेगी। इस बीच विभिन्न संगठनों की तरफ से पुलिस पर पाटीदार को गिरफ्तार करने का दबाव बन रहा है।