अलका सिंह नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में पढ़ाती थीं। यहीं दृष्टिहीन राजकुमार से उनकी मुलाकात हुई। दोनों में बातचीत होने लगी। अलका को राजकुमार का व्यवहार और विचार अच्छे लगने लगे। धीरे-धीरे यह लगाव कब प्रेम में बदल गया, पता ही नहीं चला।
अलका अक्सर किताबें खरीदने या कहीं जाने के लिए सहारे के रूप में साथ देने लगीं। अगस्त, 2015 में उन्होंने राजकुमार से शादी का प्रस्ताव रखा जिस पर वह राजी हो गए। लेकिन परिवार वाले नहीं माने। आखिरकार, दोनों ने सितंबर में शादी कर ली।
अलका बताती हैं कि शादी के बाद उन्हें घर से निकाल दिया गया। किराये पर रहने लगी तो वहां भी धमकी दी गई। अंत में हारकर थाने में सुरक्षा की गुहार लगानी पड़ी। लंबे संघर्ष के बाद एक स्कूल में नौकरी मिली। वहीं, राजकुमार मेवा बेचने का काम करते हैं