प्रणब दा के निधन पर सीएम योगी, वे पारदर्शिता एवं स्पष्टवादिता की प्रतिमूर्ति थे
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल...
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती थे। प्रणब दा के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे पारदर्शिता एवं स्पष्टवादिता की प्रतिमूर्ति थे।
सीएम योगी ने ट्वीट किया, 'पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी का निधन राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है। वह सार्वजनिक जीवन में शुचिता, पारदर्शिता एवं स्पष्टवादिता की प्रतिमूर्ति थे। परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने परमधाम में स्थान दें। ॐ शांति!'
पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी का निधन राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 31, 2020
वह सार्वजनिक जीवन में शुचिता, पारदर्शिता एवं स्पष्टवादिता की प्रतिमूर्ति थे।
परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने परमधाम में स्थान दें।
ॐ शांति!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि आज पूरा देश शोक में डूबा है। उन्होंने कहा, 'भारत, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोकाकुल है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है।' उन्होंने कहा, 'वर्ष 2014 में दिल्ली में नया था, मुझे पहले दिन से उनका मागदर्शन, सहयोग पाने का सौभाग्य मिला। उनकी यादों को हमेशा संजोए रखूंगा।'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'हमारे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के दुखद निधन की खबर मिली। देश बहुत दुखी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने में खुद को देश के साथ जोड़ता हूं। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।'
विदेश मंत्रालय से लेकर वित्त मंत्रालय तक संभाला
प्रणब मुखर्जी 25 अक्टूबर 2006 से 23 मई 2009 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। 24 जनवरी 2009 से मई 2012 तक वह देश के वित्त मंत्री भी रहे। 20 मई 2009 को वह जंगीपुर संसदीय सीट से 15वीं लोकसभा के लिए दूसरी बार चुने गए। प्रणब दा ने 25 जून 2012 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे।