Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UPPCL changed the tender rules to speed up the work of power projects

अब यूपी में तेजी से होगा बिजली परियोजनाओं पर काम, UPPCL ने टेंडर नियमों में किया बदलाव

यूपीपीसीएल ने प्रदेश में हजारों करोड़ की लागत से बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार जैसे कामों को तेज करने के लिए टेंडर के नियमों में बदलाव कर दिया है।

अब यूपी में तेजी से होगा बिजली परियोजनाओं पर काम, UPPCL ने टेंडर नियमों में किया बदलाव
Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 4 Aug 2024 01:52 PM
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उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने प्रदेश में हजारों करोड़ की लागत से बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार जैसे कामों को तेज करने के लिए टेंडर के नियमों में बदलाव कर दिया है। नियमों को सरल कर नये ठेकेदारों को इस क्षेत्र में लाकर टेंडर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की कोशिश की गई है। इस बदलाव से विभाग के बड़े ठेकेदारों/एजेंसियों का वर्चस्व टूटेगा। परियोजनाओं का काम तेजी से पूरा हो सकेगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में इस समय आरडीएसएस तथा बिजनेस प्लान के तहत विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए हजारों करोड़ के काम शुरू किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कार्यों के लिए हजारों करोड़ रुपये के टेंडर निकाले जाने हैं। 

काम तेजी से पूरा करना लक्ष्य 

प्रदेश सरकार की प्राथमिकता बाधारहित बिजली देने के लक्ष्य को जल्द से जल्द पाने के लिए प्रबंधन इन कामों को तेजी से पूरा करना चाहता है। जिसे ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने अब टेंडर के नियमों को सरल बनाने का काम किया है। प्रबंधन का मानना है कि टेंडर के नियमों में बदलाव होने से काम पाने के लिए ठेकेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से जिसे भी काम मिलेगा वह पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करेगा।

'ए' श्रेणी के लिए आवेदन करने वाले भी ले सकेंगे टेंडर में हिस्सा 

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने बताया है कि बदलाव के तहत टेंडर में हिस्सा लेने के लिए अनुभव की शर्तें, विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की शर्तें तथा कार्य के आंकलन की शर्तों को सरल किया गया है। पहले टेंडर के लिए  ‘ए’ श्रेणी के लाइसेंस धारक ठेकेदार ही आवेदन कर पाते थे, बदलाव के तहत अब ‘ए’ श्रेणी पंजीयन के लिए आवेदन करने वाले भी टेंडर में हिस्सा ले सकेंगे। शर्त यह रहेगी कि कार्य आवंटन के पूर्व उसे ’ए’ श्रेणी का प्रमाण पत्र मिल जाए। इसी तरह पांच साल का टर्नओवर इस्टीमेट कास्ट का 150 फीसदी होने की शर्त को हटाते हुए अब इसे 100 फीसदी कर दिया गया है। इसी तरह अन्य कई शर्तों को भी सरल किया गया है।

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