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हिंदी न्यूज़ उत्तर प्रदेशयूपी की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की रणनीति, 2025-26 में कुल आय कुल खर्चे से हो जाएगी अधिक

यूपी की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की रणनीति, 2025-26 में कुल आय कुल खर्चे से हो जाएगी अधिक

यूपी की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ठोस रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है, जिसमें सरकार खर्चों और कमाई के बीच के अंतर को कम करते हुए कमाई का ग्राफ ऊपर ले जाने की कोशिश है।

यूपी की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की रणनीति, 2025-26 में कुल आय कुल खर्चे से हो जाएगी अधिक
Pawan Kumar Sharmaहेमंत श्रीवास्तव,लखनऊTue, 17 Jan 2023 10:42 AM

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यूपी की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ठोस रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है, जिसमें सरकार खर्चों और कमाई के बीच के अंतर को कम करते हुए कमाई (राजस्व प्राप्ति) का ग्राफ ऊपर ले जाने की दिशा में बढ़ने की कोशिश में है। साल 2025-26 में जो वार्षिक बजट प्रस्तुत किया जाएगा, उसमें पहली बार यह ऐसा पूर्वानुमान है कि राज्य सरकार की सभी मदों से राजस्व प्राप्तियां इस साल होने वाले कुल खर्च (व्यय) से अधिक होने की संभवना है। 

मध्यकालिक राजकोषीय पुन: संरचना नीति-2022 के तहत वित्त विभाग ने अगले तीन वर्षों के पूर्वानुमान का लेखाजोखा तैयार किया है। जिसमें वर्ष 2024-25 तक राज्य सरकार की कुल प्राप्तियां कुल खर्चों से कम दिखाई दे रहा है, जबकि 2025-26 में यह तस्वीर बदल जाने का अनुमान है। 

दो साल बाद 8.34 लाख करोड़ से अधिक राजस्व मिलेगा सरकार को

साल 2025-26 में राज्य सरकार के स्वयं के कर राजस्व, केंद्रीय करों से मिलने वाली हिस्सेदारी, राज्य का करेत्तर राजस्व, केंद्र सरकार से सहायता अनुदान, ऋण व अग्रिम से वसूलियां तथा लोक ऋण के माध्यम से राज्य सरकार को कुल 8 लाख 34 हजार 415 करोड़ 49 लाख की आय होने की गणना की गई है। इसके सापेक्ष कुल व्यय (खर्चे) जिसमें राजस्व व्यय, पूंजीगत व्यय, ऋण व ब्याज और उधार व अग्रिम के मद में सरकार का कुल खर्च 8 लाख 25 हजार 36 करोड़ 74 लाख रुपये अनुमानित है। 

राजस्व बचत बढ़ेगा और राजकोषीय घाटा कम हो जाएगा

साल 2025-26 तक पहुंचते-पहुंचते सरकार की राजस्व बचत बढ़ते हुए करीब दोगुना हो जाएगा। राजस्व बचत अभी करीब 43 हजार करोड़ रुपये है। यह धनराशि 2025-26 में 92 हजार 686 करोड़ 84 लाख रुपये होने का अनुमान है। चूंकि राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से विकास करने की दिशा में काम कर रही है, लिहाजा राज्य की ऋणग्रस्तता भी बढ़ेगी, ऋणग्रस्तता 8 लाख 88 हजार 38 करोड़ 50 लाख रुपये होने का अनुमान किया गया है। 

राजकोषीय घाटा कम होने का अनुमान किया गया है। वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा 68301.11 करोड़ रह जाने का अनुमान है जो कि इस समय करीब 81177.98 करोड़ रहने का अनुमान है। सरकार की प्राथमिक घाटा बहुत तेजी से नीचे जाएगा। प्राथमिक घाटा जो इस समय करीब 35 हजार करोड़ है वह 8746 करोड़ मात्र रह जाएगा। 

मध्यकालिक राजकोषीय पुन:संरचना नीति-2022 के पूर्वानुमान

वर्ष-------कुल प्राप्तियां-------कुल व्यय- -----राजस्व बचत------राजकोषीय घाटा-----एसजीडीपी

2023-24---662546.77----678490.05-----56625.02------78867.58--------2273540
2024-25---743301.23----748094.21-----72974.71------74716.42---------2523629
2025-26---834415.49----825036.74-----92686.84------68301.11---------2801228
(रुपये करोड़ में)