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यूपी : गन्ना किसानों को मोबाइल एप पर मिलेंगी सारी सूचनाएं

प्रदेश का गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग अब और हाईटेक होगा। जल्द ही राज्य के गन्ना किसानों को उनके एंड्रॉयड मोबाइल फोन पर एक एप के जरिये चीनी मिल में उनका गन्ना देने की पर्ची, तौल आदि की पूरी...

यूपी : गन्ना किसानों को मोबाइल एप पर मिलेंगी सारी सूचनाएं
विशेष संवाददाता ,लखनऊ। Sat, 14 Sep 2019 07:32 PM
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प्रदेश का गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग अब और हाईटेक होगा। जल्द ही राज्य के गन्ना किसानों को उनके एंड्रॉयड मोबाइल फोन पर एक एप के जरिये चीनी मिल में उनका गन्ना देने की पर्ची, तौल आदि की पूरी जानकारी मिलेगी। सम्बंधित किसान सिर्फ अपना कोड डालेगा और उसके फोन पर उसके गन्ने से सम्बंधित सारी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।

यह जानकारी विभाग के प्रमुख सचिव और गन्ना आयुक्त संजय आर.भूसरेड्डी ने यहां गन्ना संस्थान सभागार में आयोजित मेरठ मण्डल की गन्ना क्षेत्र आरक्षण बैठक में दी। उन्होंने बताया कि सोमवार से इसका ट्रायल शुरू होगा। जल्द ही गन्ना किसान इस मोबाइल एप का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे। इस बैठक में बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर जिलों की 16 चीनी मिलों से जुड़े किसान व उनके प्रतिनिधि शामिल हुए। 

इस मौके पर सरधना के विधायक संगीत सोम ने गन्ना मूल्य की बकाएदार चीनी मिलों की पैरवी करने वालों की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसी मिलों को किसान अपना गन्ना देना बंद करें। श्री सोम ने गन्ना क्षेत्र आरक्षण बैठकें सम्बंधित जिलों में ही कराने की जरूरत भी जतायी। उन्होंने अनूपशहर मिल क्षेत्र के गन्ना किसानों द्वारा सहकारी चीनी मिल अनूपशहर की पेराई क्षमता विस्तार के लिए  अपनी मांग रखी। गढ़मुक्तेश्वर के विधायक कमल सिंह मलिक ने भी अपने विचार व्यक्त किये। 

गन्ना आयुक्त श्री भूसरेड्डी ने कहा कि गन्ना मूल्य भुगतान में पारदर्शिता के लिए प्रदेश की मौजूदा सरकार द्वारा गन्ना किसान, चीनी मिल प्रबंधन व जिला गन्ना अधिकारी की साझेदारी में खोले गये बैंक खाते यानि  एस्क्रो एकाउन्ट से गन्ना मूल्य भुगतान में काफी सहूलियत हुई है।  प्रेसमड, कोजन, बगास आदि का पैसा भी अब एस्क्रो एकाउन्ट में ही जा रहा है। गन्ना किसानों को ट्रेंच, सहफसली एवं ड्रिप सिंचाई से काफी लाभ हुआ है।

उन्होंने कहा कि पर्ची निर्गमन सम्बन्धी व्यवस्था को भी सुगम कर दिया गया है। पर्ची निर्गमन के साथ ही किसानों को उनके मोबाइल नम्बर पर एसएमएस प्राप्त होगा। इसे दिखाकर भी किसान अपना गन्ना तुलवा सकते हैं। गन्ना आयुक्त ने बताया कि गन्ना क्षेत्र सर्वे के दौरान उन्होंने जिलों में भ्रमण किया और किसानों से उनके खेत पर उनकी समस्याओं के बारे में बात भी की। 

मेरठ मण्डल के 5 जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गन्ना क्षेत्रफल 1.75 प्रतिशत बढ़ा है। इस मण्डल की सभी 16 मिलों की पेराई क्षमता 95,800 टन गन्ना प्रतिदिन पेरने की है। इस बार इन सभी मिलों ने अक्टूबर के अंत तक पेराई शुरू करने की बात कही है। पिछले पेराई सत्र में क्षेत्र की इन 16 मिलों ने 1427.67 लाख कुंतल गन्ने की पेराई करके 160.49 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया था। 
 

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