आगरा में खुलेगा यूपी का दूसरा अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान संस्थान केन्द्र, सीएम का पत्र पढ़कर पीएम मोदी ने दी मंजूरी
यूपी को तीन सालों के भीतर दूसरा अन्तराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान के केंद्र का तोहफा मिलने जा रहा है। करीब ढ़ाई साल पूर्व फिलिपीन्स के अन्तराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इर्री) का एक केंद्र...
यूपी को तीन सालों के भीतर दूसरा अन्तराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थान के केंद्र का तोहफा मिलने जा रहा है। करीब ढ़ाई साल पूर्व फिलिपीन्स के अन्तराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इर्री) का एक केंद्र वाराणसी में खुला है और अब शीघ्र ही आगरा में पेरू स्थित अन्तराष्ट्रीय आलू अनुसंधान संस्थान का केंद्र भी खुल जाएगा। इस केंद्र को लेकर केंद्र सरकार में काफी रस्साकसी चल रही थी और अन्तत: जीत उत्तर प्रदेश की हुई है। इसके पीछे यहां 7 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में आलू की खेती और देश के कुल आलू का 34 प्रतिशत उत्पादन दूसरे पक्ष पर भारी पड़ा है।
दरअसल केन्द्रीय कृषि मंत्री इस केन्द्र को मध्य प्रदेश के ग्वालियर या उसके आसपास के क्षेत्र में ले जाना चाहते थे जबकि यूपी सरकार सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य होने के नाते इसे यूपी में लाना चाहती थी। मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश का पक्ष रखते हुए कई पत्र केन्द्रीय कृषि मंत्री समेत प्रधानमंत्री को भी लिखी। बताया जाता है कि सीएम योगी के तर्क से पीएम ने सहमति जताते हुए इसे आगरा में खोले जाने को अपनी सहमति दी है। पीएम की सहमति के बाद अब राज्य सरकार सीधे पेरू के डी-ला पापा स्थित अन्तराष्ट्रीय आलू अनुसंधान संस्थान से संपर्क कर इस दिशा में कार्य शुरू करेगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि संस्थान का केन्द्र भारत में लाने का प्रयास भी यूपी की ओर से ही शुरू किया गया था लेकिन बिना केन्द्र के सहयोग के यह सम्भव नहीं था लिहाजा इसमें दूसरे राज्य भी कूद पड़े।
अन्तराष्ट्रीय आलू अनुसंधान संस्थान खुलने के फायदे
- आलू की अधिक उत्पादकता और प्रसंस्करण वाली किस्में विकसित हो सकेगे।
- आलू के बीजों की कमी भी दूर हो सकेगी।
- टिश्यू कल्चर एवं अन्य आधुनिक विधियों से आलू उत्पादन की सम्भावनाओं को तलाशने में मदद मिलेगी।
- किसानों को आसानी से आलू की खेती के नए तरीके जाने का मौका मिलेगा।
- प्रदेश में आलू उतपादन की स्थिति
- यूपी देश में सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है।
- यहां देश का 34 से 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन होता है।
- यहां 6.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती होती है।
- -पिछले वर्ष को छोड़ दें तो यहां 160 लाख टन से अधिक आलू का उत्पादन होता है। गत वर्ष यह आंकड़ा 110 लाख टन के करीब रहा।