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यूपी : रोहिंग्याों ने बड़ी तदाद में बनाया अपना ठिकाना, पुलिस के हाथ लगी अहम जानकारी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में म्यांमार के रोहिंग्या नागरिक बड़ी तादात में अपना ठिकाना बना चुके हैं। सूबे के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने करीब दो हजार रोहिंग्याओं के अवैध रूप से रहने की आशंका...

यूपी : रोहिंग्याों ने बड़ी तदाद में बनाया अपना ठिकाना, पुलिस के हाथ लगी अहम जानकारी
मेरठ। सचिन गुप्ताSun, 20 Jun 2021 07:51 AM
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में म्यांमार के रोहिंग्या नागरिक बड़ी तादात में अपना ठिकाना बना चुके हैं। सूबे के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने करीब दो हजार रोहिंग्याओं के अवैध रूप से रहने की आशंका व्यक्त की है। मेरठ से गिरफ्तार चार रोहिग्याओं से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि राशन कार्ड, पेन कार्ड और आधार कार्ड बनवाकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना उनका लक्ष्य था। इस आधार पर खुफिया एजेंसियों को यह भी आशंका है कि ये घुसपैठिये आगामी चुनाव में फर्जी आईडी प्रूफ से वोट भी डाल सकते हैं।

बांग्लादेश रिफ्यूजी कैंप से आए थे चारों नागरिक

मेरठ से एक दिन पहले गिरफ्तार हुए चारों रोहिंग्या करीब दो साल पहले बांग्लादेश रिफ्यूजी कैंप से निकलकर भारत में दाखिल हुए थे। एटीएस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। चारों खरखौदा क्षेत्र में रहते थे। अब यह गिरोह रोहिंग्याओं को भारत में एंट्री दिलाने, उनके फर्जी दस्तावेज बनवाने, स्थानीय फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने के अलावा सोने-मानव की तस्करी भी करता था।

रोहिंग्या का मानव तस्करी कनेक्शन पहली बार

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया, रोहिंग्या नागरिक लगातार पकड़े जाते रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ है जब मानव तस्करी से इनका कनेक्शन निकला है। मेरठ को ठिकाना बनाए इस गिरोह ने म्यांमार की तीन महिलाओं को देह व्यापार के लिए भारत से फर्जी पासपोर्ट पर मलेशिया भेज दिया। कितनी और महिलाएं इस गैंग के जरिये तस्करी का शिकार हुईं, यह पता लगाया जा रहा है।

इस साल हुई गिरफ्तारियां

- 8 जून को गाजियाबाद से दो रोहिंग्या गिरफ्तार
- 17 जून को अलीगढ़ से चार रोहिंग्या पकड़े गए
- 18 जून को मेरठ-बुलंदशहर से चार गिरफ्तार
- 12 मार्च को सहारनपुर से पिता-पुत्र रोहिंग्या पकड़े
- 2 मार्च को 3 रोहिंग्या उन्नाव, नोएडा, अलीगढ़ से पकड़े

स्लॉटर हाउस हैं नौकरी के ठिकाने

मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़ में बड़े पैमाने पर औद्योगिक इकाइयां और स्लॉटर हाउस हैं। रोहिंग्या इन्हीं फैक्ट्रियों में नौकरी करते हैं ताकि पुलिस की नजरों से बचे रहें। अब तक जितने भी रोहिंग्या पकड़े गए हैं, उनमें ज्यादातर स्लॉटर हाउस में नौकरी करते थे।

झुग्गी-झोपड़ियों पर सतर्कता बढ़ाई

मेरठ से शुक्रवार को चार रोहिंग्या नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं। सड़क किनारे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की चेकिंग शुरू कर दी गई है। थाना पुलिस को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है। आगामी चुनावों के मद्देनजर खुफिया-सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बरतने के निर्देश शासन ने दिए हैं।

वेस्ट यूपी में छुपकर बसे हैं रोहिंग्या

मेरठ। मेरठ और बुलंदशहर से रोहिंग्या पकड़े जाने से साफ हो गया है कि वेस्ट यूपी रोहिंग्या की मुफीद शरण स्थली बन गया है। अब तक अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, नोएडा आदि वेस्ट के जिलों से करीब दो दर्जन रोहिंग्या पकड़े जा चुके हैं। खुफिया रिपोर्ट की मानें तो अभी भी भारी संख्या में रोहिंग्या वेस्ट में रह रहे हैं। 

वेस्ट में हैं 500 से अधिक रोहिंग्या

सरकार की सख्ती हुई है तो रोहिंग्या एकाएक लापता हो गए हैं, लेकिन खुफिया विभाग का दावा है कि वेस्ट में करीब 500 रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं। इनमें यह उन इलाकों में अधिक हैं, जहां पर मीट फैक्ट्री हैं। बात सामने आई थी, जिसके बाद पुलिस ने एक-एक कर सबकी जांच की थी।
 

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