यूपी की सिटी बसों में यात्रियों को मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट, करना होगा इस खास कार्ड का इस्तेमाल
यूपी में सिटी बसों में चलने वाले यात्रियों को अब कार्ड से किराए के भुगतान पर बसों के किराये में दस फीसदी की छूट दी जाएगी। डिजिटल पेमेन्ट को बढ़ावा देने के लिए यात्रियों को सुविधा दी जा रही है।

यूपी में सिटी बसों में चलने वाले यात्रियों को अब कार्ड से किराए के भुगतान पर बसों के किराये में दस फीसदी की छूट दी जाएगी। इसके अलावा राज्य में 1525 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों को जीसीसी (ग्रास कास्ट कान्ट्रैक्ट) मोड पर चलाया जाएगा। डिजिटल पेमेन्ट को बढ़ावा देने के लिए ईटीएम आपूर्तिकर्ता एवं एचडीएफसी द्वारा क्रियान्वित होने वाले नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड से किराए के भुगतान पर बसों के किराए में 10 प्रतिशत छूट मिलेगी।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गुरुवार को उत्तर प्रदेश समर्पित नगरीय परिवहन निधि प्रबन्ध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसी तरह विभिन्न वाहनों के लिए लागू किराये में एकरूपता लाने के लिए नगरीय बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों के टिकट पर ₹एक रुपये प्रति यात्री की समान दर से अधिभार लगाने का प्रस्ताव पास हुआ। इसके जरिये मौजूदा किराये को पूर्णांक में कर दिया गया है।
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कन्वर्जेंस इनर्जी सर्विसेस लिमिटेड के माध्यम से 1525 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों को जीसीसी मोड़ पर संचालित करने का प्रस्ताव मंजूर हुआ है। मुख्य सचिव ने कहा कि बसों में जीपीएस, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा और महिलाओं के लिए सीट को रिजर्व किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में अनफिट, बिना परमिट, अवैध, ओवरलोड, जर्जर व डग्गामार बसों का संचालन न होने दिया जाए। तेज गति से वाहनों के संचालन व ओवरलोडिंग के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
जेएनएनयूआरएम योजना के तहत क्रय की गई, वर्तमान में संचालित 664 बसें (सीएनजी/डीजल), लखनऊ शहर के लिए आवंटित 40 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के लिए वेतन, ईंधन, मोटर पार्ट्स व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए 9953.39 लाख रुपये को मंजूरी दी गई। अन्य खर्चों को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2022-23 तथा 2023-24 के लिए कुल धनराशि ₹ 25890.81 लाख रुपये का अनुमोदन किया गया।
इसी प्रकार 300 इलेक्ट्रिक बसों को जीसीसी मोड़ पर संचालित कराने के लिए अभी तक कोई बजट नहीं है। इन बसों के संचालन पर सम्भावित ₹ 21.20 करोड़ वार्षिक तथा नवीन मेन्टीनेन्स डिपो के लिए₹ 65.00 करोड़ रुपये का व्यय भार को अनुमोदन किया गया। वित्तीय वर्ष, 2023-24 में ₹ 447.48 करोड़ की जररूरत होगी, इसके लिए जरूरी रकम की मांग वित्त विभाग से होगी। बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात सहित संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।
