बारिश की वजह से वाराणसी में लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, 84 घाटों का संपर्क टूटा
वाराणसी और आसपास के इलाकों में हो रही बारिश की वजह से गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वाराणसी का गंगा घाट नदी में डूब चुका है। वाराणसी प्रशासन लोगों को गहरे पानी में ना जाने की सलाह दे रहा है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले कई दिनों से रही लगातार बारिश की वजह से वाराणसी, गाजीपुर और मिर्जापुर में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई घाटों का संपर्क भी काशी से टूट गया है। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों में बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर 95 सेंटीमीटर तक बढ़ गया है। प्रशासन का कहना है कि अगर ऐसे ही गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो अगले पांच से सात दिनों में रिहायशी इलाकों में गंगा का पानी घुसना शुरू हो जाएगा।
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को गंगा नदी का जलस्तर 95 सेंटीमीटर तक बढ़ा। बारिश की वजह से हर घंटे गंगा नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ रहा है। ज्यादा पानी की वजह से गंगा आरती स्थल भी डूब गया है। फिहलाल गंगा की सीढ़ियों पर आरती हो रही है। इसके अलावा गंगा घाट पर बैठने वाले पंडे पुरोहित ऊंचे स्थानों पर बैठकर पूजा पाठ कर रहे हैं। काशी के 84 घाटों का संपर्क टूट गया है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा घाट पर मौजूद कई घाट नदी में डूब गए हैं। मानमंदिर, शिवाला,मणिकर्णिका,दरभंगा और राणामहल और गंगा मंदिर गंगा नदी में डूब गए हैं। जिला प्रशासन नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पूरी सतर्कता बरत रहा है। लोगों को गहरे पानी में ना जाने की हिदायत दी जा रही है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी उन नाविकों को हो रही है जिनकी आजीविका इससे जुड़ी हुई है। जलस्तर बढ़ने से पर्यटक नाव की सैर के लिए नहीं जा रहे। सारी नावें घाट पर खड़ी है जिससे नाविकों की रोटी-रोजी प्रभावित हो रही है।
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