Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP: Professor of Lucknow University gave controversial statement on Kashi Vishwanath

काशी विश्वनाथ पर लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का विवादित बयान, एबीवीपी ने किया हंगामा

लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के प्रो. रविकांत काशी विश्वनाथ पर आपत्तिजनक बयान देकर फंस गए है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओ ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी परिसर स्थित प्रो. रविकांत के घर विरोध प्रदर्शन किया। 

Shivendra Singh हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 10 May 2022 06:29 PM
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लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत के काशी विश्वनाथ मंदिर पर सोमवार को विवादित बयान देने के बाद मंगलवार को दिन भर विरोध प्रदर्शन हुआ। यूट्यूब चैनल पर हुई चर्चा में प्रो. रविकांत ने विवादित बयान दिया था। इस मामले में देर शाम हसनगंज थाने में प्रो. रविकांत  के विरुद्ध एबीवीपी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमन दुबे ने मुकदमा दर्ज कराया। एफआईआर धारा 153 ए, 504, 505 (2) एवं 66 के तहत दर्ज की गई है।

इसके पूर्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दर्जनों कार्यकताओं ने हिन्दी विभाग के सामने नारेबाजी करते हुए प्रो. रमाकांत से विवादित टिप्पणी पर माफी की मांग की। मामला बढ़ता देख विवादित बयान देने वाले एसोसिएट प्रोफेसर को सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रॉक्टर कार्यालय में ले गई। यहां तकरीबन चार घंटे प्रो. रमाकांत रहे और प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर लगातार एबीवीपी से जुड़े छात्र नारेबाजी और प्रदर्शन करते रहे। छात्रों की शिकायत पर चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी ने प्रो. रमाकांत से विवादित बयान पर तीन कार्य दिवस में स्पष्टीकरण मांगा है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी के आक्रोशित छात्रों को समझाने के बाद सुबह 11 बजे शुरू हुआ प्रदर्शन शाम पांच बजे खत्म हुआ। 

थप्पड़ मारने के बाद बिफरे छात्र
एबीवीपी के प्रदर्शन को देखते हुए विवि परिसर में पुलिस बुला ली गई थी। मामला लगभग शांत हो चुका था लेकिन इसी दौरान प्रदर्शन में शामिल एक छात्र को पुलिस द्वारा थप्पड़ मारे जाने का आरोप लगा और छात्र बिगड़ गए। जिसके बाद छात्रों ने दोबारा धरना प्रदर्शन शुरू करते हुए छात्र पर हाथ उठाने वाले पुलिस कर्मी पर कार्रवाई की मांगी की। एबीवीपी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमन दुबे ने कहा कि आक्रोशित छात्र सिर्फ माफी की मांग कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने बिना वजह बीएससी छात्र को थप्पड़ मार दिया। बाद में पुलिस प्रशासन ने अपनी गलती भी मानी। 

दो गुट आमने सामने
हिन्दी विभाग पर जब एबीवीपी छात्र प्रदर्शन करने पंहुचे तो वहां एक अन्य छात्र गुट प्रो. रमाकांत के पक्ष में खड़ा हो गया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि माहौल बिगाड़ने के लिए प्रो. रमाकांत ने बाहरी छात्रों को बुलाया था। वहीं प्रो. रमाकांत ने कहा कि प्रदर्शन करने वालों में कुछ ही छात्र विश्वविद्यालय के थे। अन्य बाहरी थे जो विरोध के नाम पर मेरे साथ लिंचिंग करना चाहते थे। 

माफी मांगी लेकिन बयान पर कायम
विवादित टिप्पणी करने वाले प्रो. रमाकांत ने कहा कि मेरे बयान की क्लिपिंग काट छांट के चलायी गई है। किसी को भी बुरा लगा है उसके लिए खेद प्रकट करता हूं लेकिन अपने बयान पर अब भी कायम हूं। मैने चर्चा में पट्टाभि सीतारमैया की किताब के अंश को कोट किया था। जिसका गलत मतबल निकाला गया। विरोध प्रदर्शन करने आए छात्र यदि संवाद करते तो उन्हें सारी बातें समझ आ जाती। 

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