रिश्ते शर्मसार! मौत के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटे ने ठुकराया, साथी ने दी मुखाग्नि
यूपी के प्रतापगढ़ में बेटे ने पिता को लग्जरी कार से वृद्धाश्रम में छोड़ दिया। बेटा हरियाणा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। आठ महीने बाद पिता की मौत हो गई। बेटे ने मुखाग्नि देने से मना कर दिया।

कहते हैं कि बेटा हो तो पिता के कंधों को मजबूती मिलती है, बेटा बुढ़ापे की लाठी होता है। लेकिन प्रतापगढ़ में एक बाप के साथ ऐसा नहीं हुआ। बेटा न तो कंधों को मजबूती दे सका न ही बुढ़ापे की लाठी बन सका। हद तो तब पार हो गई जब पिता की मौत पर वह समय न होने की बात कहकर मुखाग्नि देने भी नहीं आया।
जिले के महुली स्थित वृद्धाश्रम में लगभग आठ महीने पहले बेटे ने लग्जरी कार से पिता को पहुंचाया था। आश्रम के वृद्धजन बताते हैं कि हर रोज खाना खाने के बाद जब सारे बुजुर्ग एक साथ बैठते थे तो सभी अपने जीवन से जुड़े किस्से और वृद्धाश्रम पहुंचने की कहानी बयां करते थे। एक दिन मोती लाल (70) ने भी वृद्धाश्रम पहुंचने की चर्चा शुरू की थी। बात बेटे से शुरू हुई। बताया कि ‘मैं रानीगंज तहसील क्षेत्र का रहने वाला हूं।
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बेटा हरियाणा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। बेटा मुझे अपनी बड़ी गाड़ी से यहां पहुंचा गया है। मैने अपने लिए साढ़े चार लाख रुपये की एफडी कराई थी, उसका कागज खो गया था। इसकी जानकारी बेटे को दी। बेटा हरियाणा से आया, हम लोग बैंक मैनेजर के पास गए। वहां पर उसने एक कागज में लिखकर दिया कि नया कागज बन जाएगा। उसके बाद बेटा मुझे यहां पर छोड़ गया। कह गया कि जल्दी आकर ले जाएगा।’
बेटे ने किया मना तो दादा जयराम ने लिया दाग
तबियत खराब होने पर मोतीलाल को मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ में भर्ती कराया गया। ठीक होने के बाद वह वृद्धाश्रम वापस आ गए। आठ सितंबर को उनकी मौत हो गई। इसकी सूचना आश्रम के रजिस्टर्ड में दर्ज बेटे के मोबाइल नंबर पर दी गई। बुजुर्ग बताते हैं कि बेटे ने समय न होने का हवाला देते हुए आने से मना कर दिया। अंतिम संस्कार की व्यवस्था की तो मुखाग्नि देने की बात उठी। वहां मौजूद जयराम दादा ने इस जिम्मेदारी का निर्वहन किया।
