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यूपी चुनाव 2022: जानें कौन हैं मनमोहन झा गामा, जिन्हें ओवैसी की पार्टी ने यूपी में बनाया पहला हिंदू उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने आगामी यूपी विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी...

यूपी चुनाव 2022: जानें कौन हैं मनमोहन झा गामा, जिन्हें ओवैसी की पार्टी ने यूपी में बनाया पहला हिंदू उम्मीदवार
गाजियाबाद | प्रवीण शर्माTue, 18 Jan 2022 10:22 AM
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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने आगामी यूपी विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट सोमवार को जारी कर दी। इस लिस्ट में एआईएमआईएम ने पहली बार साहिबाबाद सीट पर ब्राह्मण कार्ड खेलकर सबको हैरान कर दिया है। 

साहिबाबाद सीट पर एआईएमआईएम ने सपा के बागी पंडित मनमोहन झा उर्फ गामा (Manmohan Jha Gama) को टिकट दिया है। माना जा रहा है कि उनके मैदान में आने से यहां मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। एआईएमआईएम की दूसरी सूची में आठ उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इससे पहले एआईएमआईएम ने नौ सीटों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।

मूलरूप से बिहार के रहने वाले मनमोहन झा दसवीं तक पढ़े हैं। बेहद गरीब परिवार से होने के कारण वह छोटी सी उम्र में ही काम की तलाश में दिल्ली आ गए थे। इसके बाद से ही उनका राजनीतिक संघर्ष जारी है। अब से पहले समाजवादी पार्टी में जिला उपाध्यक्ष और साहिबाबाद विधानसभा के प्रभारी भी रह चुके हैं।

साहिबाबाद में गामा के नाम से प्रसिद्ध मनमोहन झा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अपने कड़े संघर्ष के चलते बेहद कम समय में वह गाजियाबाद और साहिबाबाद क्षेत्र में अच्छी पकड़ बनाने में कामयाब रहे। इसके चलते ही समाजवादी पार्टी में भी जल्द ही उनका राजनीतिक कद तेजी से बढ़ते गया।

सपा का टिकट नहीं मिलने पर दिया था इस्तीफा

साहिबाबाद सीट से सपा का टिकट नहीं मिलने पर पार्टी के जिला उपाध्यक्ष एवं साहिबाबाद विधानसभा प्रभारी मनमोहन झा गामा ने 15 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया था। उनका कहना है कि वह 1998 से वार्ड उपाध्यक्ष के बाद विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी के लिए संघर्ष करते रहे हैं। वर्ष 2017 में एलिवेटेड रोड के उद्धाटन के दौरान मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाकर विरोध किया था। इसके बाद पूर्व मंत्री आजम खां और बेटे अब्दुल्ला आजम खां को जेल भेजने के दौरान यूपी सरकार का पुतला दहन किया था। उसका मुकदमा अभी तक चल रहा है। इस बार उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर आवेदन किया था। मगर उन्हें नजरअंदाज किया गया। इसको लेकर उन्होंने जिला उपाध्यक्ष प्रभारी साहिबाबाद पद से इस्तीफा दे दिया।

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में कहा कि हमने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अन्य चरणों के लिए और उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। हमने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार वर्चुअल रैलियां आयोजित करने की व्यवस्था की है।

बता दें कि, साहिबाबाद विधानसभा सीट पूरे प्रदेश में सबसे अधिक मतदाताओं वाली सीट है। यहां से वर्ष 2012 में जहां 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, वहीं पिछले चुनाव में 11 प्रत्याशी मैदान में थे। इससे पूर्व साहिबाबाद खेकड़ा विधानसभा का हिस्सा होता था, लेकिन नए परिसीमन के आधार पर वर्ष 2012 में हुए चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी के अमरपाल शर्मा ने भाजपा के सुनील शर्मा को यहां से हराया। इस बार राजनीतिक दलों से टिकट नहीं मिलने पर उनके नाराज नेता निर्दलीय ही चुनाव में उतरने की घोषणा कर रहे हैं। ऐसे में इस बार साहिबाबाद सीट पर निर्दलीय निर्णायक भूमिका में रहने के अधिक आसार हैं।

भाजपा की ओर से सबसे अधिक टिकट के दावेदार मैदान में थे, लेकिन पार्टी ने मौजूदा विधायक सुनील शर्मा को ही प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में टिकट के दावेदार निर्दलीय ही चुनाव में उतरने की घोषणा कर रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनील शर्मा विजयी रहे थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अमरपाल शर्मा को हराया था। बसपा प्रत्याशी जलालुद्दीन यहां तीसरे स्थान पर रहे। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा। उत्तर प्रदेश में मतदान 10 फरवरी, 14, 20, 23, 27 फरवरी और 3 और 7 मार्च को सात चरणों में होंगे। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। 

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