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अब अचूक निशाना लगाएगी यूपी पुलिस, गोरखपुर में इस नए रेंज को मिली मंजूरी

गोरखपुर पुलिस का निशाना अब और अचूक होगा। प्रैक्टिस के लिए गोरखपुर में फायरिंग रेंज को शासन से मंजूरी मिल गई है। इतना ही नहीं फार्टिलाइजर के पास इसके लिए 30 एकड़ जमीन भी तलाश ली गई है।

अब अचूक निशाना लगाएगी यूपी पुलिस, गोरखपुर में इस नए रेंज को मिली मंजूरी
Srishti Kunjहिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSat, 03 Dec 2022 11:34 AM

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गोरखपुर पुलिस का निशाना अब और अचूक होगा। प्रैक्टिस के लिए गोरखपुर में फायरिंग रेंज को शासन से मंजूरी मिल गई है। इतना ही नहीं फार्टिलाइजर के पास इसके लिए 30 एकड़ जमीन भी तलाश ली गई है। अभी तक गोरखपुर पुलिस दूसरे जिलों की रेंज में प्रैक्टिस करती थी जबकि जिला मुख्यालय होने के अलावा जोन और रेंज का भी पुलिस मुख्यालय है।

इतना ही नहीं यह जोन का सबसे बड़ा जिला भी है। पुलिस या तो एयरफोर्स के फायरिंग बट पर प्रैक्टिस करती है या एसएसबी के। दोनों के खाली नहीं होने की स्थिति में महराजगंज में सिम्युलेटर गन से प्रैक्टिस कर काम चलाना पड़ता है। दोनों सूरतों में गोरखपुर पुलिस को ही अपना समय मैनेज करना पड़ता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपना फायरिंग बट न होने से पुलिस को काफी दिक्कत आती है। कभी भी प्रैक्टिस का कोटा पूरा नहीं होता।

निशाना तो दूर पिस्टल तक नहीं खोल पाते दरोगा जी फायरिंग की प्रैक्टिस नहीं होने से पुलिसवालों का निशाना तो दूर कई बार अपनी बंदूक या फिर पिस्टल तक पुलिस कर्मी नहीं खोल पाते हैं। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मई 2022 में राजघाट-तिवारीपुर सहित कई थानों का निरीक्षण किया तो इस दौरान दरोगा पिस्टल अपनी पिस्टल तक नहीं खोल पाए। जब इस पर मंथन चला तो पता चला कि प्रैक्टिस नहीं होने से दिक्कत आ रही है।

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कारतूस बचाने के लिए सिम्युलेटर गन से प्रैक्टिस पुलिस कर्मियों को हर साल फायरिंग की प्रैक्टिस करनी होती है जिसमें उन्हें बंदूक चलाना और निशाना लगाना सिखाया जाता है। इसमें काफी संख्या में कारतूस भी खर्च होते हैं। कारतूस बचाने के साथ निशाना सही करने के लिए सिम्युलेटर गन से भी अब प्रैक्टिस कराई जाती है। गोरखपुर में सिम्युलेटर गन से प्रैक्टिस की भी व्यवस्था नहीं है। फिलहाल फायरिंग रेंज की व्यवस्था हो जाने के बाद काफी सहूलियत हो जाएगी।

क्या है सिम्युलेटर गन
यह पूरी तहर से कम्प्यूटरकृत व्यस्था होती है। एक तरह से वीडियो गेम है। सिम्युलेटर गन से स्क्रीन पर निशाना लगना होता है। इसमें कारतूस की बचत होती है। निशाना लगाने के साथ ही फायरिंग की प्रैक्टिस कराने के लिए प्रदेश के कई जिलों में सिम्युलेटर गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

एसपी सिटी, कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि गोरखपुर पुलिस की फायरिंग रेंज की मांग पूरी हो गई है। फर्टिलाइजर के पास इसके लिए 30 एकड़ जमीन मिली है। फायरिंग रेंज के लिए फर्टिलाइजर के पास 30 एकड़ जमीन तलाशी गई, अभी एसएसबी या एयरफोर्स की रेंज में होती थी प्रैक्टिस।

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