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कार्यवाहक DGP के ही भरोसे रहेगी UP पुलिस, आरके विश्वकर्मा को प्रभार, दो महीने में होंगे रिटायर

यूपी के डीजीपी डॉक्टर देवेंद्र सिंह चौहान आज रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह आरके विश्वकर्मा नए डीजीपी होंगे। चौहान की तरह विश्वकर्मा भी कार्यवाहक डीजीपी ही रहेंगे। मई में उनका रिटायरमेंट है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 31 March 2023 07:25 PM
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कार्यवाहक DGP के ही भरोसे रहेगी UP पुलिस, आरके विश्वकर्मा को प्रभार, दो महीने में होंगे रिटायर

यूपी के डीजीपी डॉक्टर देवेंद्र सिंह चौहान शुक्रवार को रिटायर हो गए। उनकी जगह आरके विश्वकर्मा को नया डीजीपी बनाया गया है। चौहान की तरह विश्वकर्मा भी कार्यवाहक डीजीपी ही रहेंगे। विश्वकर्मा 1988 बैच के आईपीएस हैं। फिलहाल केवल दो महीने तक ही वह डीजीपी के पद पर रह सकेंगे। मई में उनका रिटायरमेंट है। 

डॉ. चौहान की सेवानिवृत्ति के कारण डीजीपी पद को लेकर चल रहे कयासों पर विराम लगाते हुए शासन ने डॉ. विश्वकर्मा को यह प्रभार सौंपने का निर्णय लिया। सचिव गृह डॉ. बीडी पाल्सन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरके विश्वकर्मा को वर्तमान पद के दायित्वों के साथ-साथ डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने का फैसला लिया गया है।

यह प्रभार डीजीपी पद पर स्थाई नियुक्ति होने तक उनके पास रहेगा। इसके लिए उन्हें अलग से कोई वेतन या भत्ता देय नहीं होगा। डॉ. विश्वकर्मा वर्ष 1988 बैच के आईपीएस हैं। वह वरिष्ठता में डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत मुकुल गोयल के बाद दूसरे नंबर पर हैं। उनका सेवाकाल 31 मई 2023 तक है।

विश्वकर्मा के साथ ही नए डीजीपी की दौड़ में अनिल कुमार अग्रवाल, आनंद कुमार और विजय कुमार दौड़ में शामिल थे। इसमें डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा  मई में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। आनंद कुमार का सेवाकाल अप्रैल 2024 और विजय कुमार का सेवाकाल जनवरी 2024 तक है।

इस तरह छह माह से ज्यादा सेवाकाल के आधार पर इन दोनों अफसरों को स्थाई डीजीपी की रेस में माना जा रहा है। डीजीपी पद से हटाए जाने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत मुकुल गोयल वर्ष 1987 बैच के अकेले आईपीएस हैं। उनका कार्यकाल भी फरवरी 2024 तक है।

मौजूदा डीजीपी डॉ. चौहान डीजी इंटेलीजेंस और डायरेक्टर विजिलेंस का भी पद संभाल रहे थे। उनके रिटायर होने के बाद यह पद हासिल करने के लिए डीजी रैंक के अफसरों में होड़ लगी है। वैसे इस पद पर एडीजी रैंक के किसी आईपीएस की भी तैनाती की जा सकती है।

चर्चा यह भी है कि डॉ. चौहान को सेवानिवृत्ति के बाद कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनके लिए मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा सलाहकार या गृह विभाग के सलाहकार जैसा पद सृजित किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

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