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यूपी पंचायत चुनाव: एक तिहाई आरक्षण का दिखने लगा असर, पूरी तैयारी से मैदान में उतरेंगी महिलाएं

इस बार के पंचायत चुनाव में आधी आबादी फिर पूरी तैयारी से उतरेगी। महिलाओं को पंचायतों में मिले एक तिहाई आरक्षण का असर अब नजर आने लगा है। पिछले पंचायत चुनाव से लेकर अब तक ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व...

यूपी पंचायत चुनाव: एक तिहाई आरक्षण का दिखने लगा असर, पूरी तैयारी से मैदान में उतरेंगी महिलाएं
संतोष वाल्मीकि ,लखनऊThu, 24 Sep 2020 08:02 AM
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इस बार के पंचायत चुनाव में आधी आबादी फिर पूरी तैयारी से उतरेगी। महिलाओं को पंचायतों में मिले एक तिहाई आरक्षण का असर अब नजर आने लगा है। पिछले पंचायत चुनाव से लेकर अब तक ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत में महिलाओं का प्रदर्शन पुरुषों के मुकाबले हलका नहीं रहा है।
 
सुल्तानपुर के विकास खंड मोतिगरपुर की ग्राम पंचायत दियरा की ग्राम प्रधान सुनीता गुप्ता और हरसायन नागपुर की प्रधान कमला वर्मा को मूल्यांकन वर्ष 2018-19 के लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। दोनों महिला प्रधानों को क्रमश:10 व 8 लाख रुपये पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र दिए गए।

 सुनीता ने अपने गांव में 825 व्यक्तिगत शौचालय बनवाए। दो बेटियां और एक बेटे की मां सुनीता गांव में पूरी तरह सक्रिय रहती हैं, पति भी एक राजनीतिक दल के जिलाध्यक्ष हैं। मगर सुनीता दावा करती हैं कि उनके काम में उनके पति कोई दखल नहीं देते। कमला वर्मा हाईस्कूल पास हैं। उनका भी यही दावा है कि उन्हें गांव की सेवा के कामकाज में पति या घर के अन्य पुरुष सदस्यों की तरफ से कोई रोक टोक नहीं होती। 

बाराबंकी के मसौली ब्लाक की चंदवारा ग्राम पंचायत की प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल ने तो कमाल कर दिया है। 2016-17 से लगातार तीन साल से  उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है। 2020 में 2018-19 के मूल्यांकन वर्ष के लिए तो उन्हें नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार भी मिला।

प्रकाशिनी के पति रितुराज जायसवाल जीवनसाथी होने के नाते उनके साथ तो हैं, मगर उनके सार्वजनिक जीवन में वह उनके पीछे ही रहते हैं। वह खुद एक आटोमोबाइल कम्पनी में जीएम हैं। ग्रेज्यूएट प्रकाशिनी  अपनी घर-गृहस्थी की ही तरह वह अपने गांव की भी सेवा करती हैं। उनके गांव में आधुनिक स्कूल, सीसीटीवी कैमरे, कूड़ाघर, डस्टबिन, हर घर में शौचालय, एक सामुदायिक शौचालय निर्माणाधीन है। उनका कहना है कि सरकार हमें जो फंड देती है वह गांव के लोगों की सेवा के लिए मिलता है तो उसका सही इस्तेमाल होना ही चाहिए।
 
2019-20 के सीएम एवार्ड
-कुल पुरस्कार-346
-महिला प्रधानों को मिले-143
 
मूल्यांकन वर्ष 2016-17 के लिए 2018 में दिये गये दीन दयाल उपाध्याय पंचायती सशक्तिकरण राष्ट्रीय पुरस्कार
कुल पुरस्कार-35
क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि के कुल पुरस्कार-4
महिला क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि को मिले-2
ग्राम प्रधानों को मिले कुल पुरस्कार-20
 महिला प्रधानों को मिले-4
 
मूल्यांकन वर्ष 2017-18 के लिए 2019 में
दिये गये दीन दयाल उपाध्याय पंचायती सशक्तिकरण राष्ट्रीय पुरस्कार
कुल पुरस्कार-36
जिला पंचायत प्रतिनिधि को मिले कुल पुरस्कार-2
महिला जिला पंचायत प्रतिनिधि को मिले -1
क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि को मिले कुल पुरस्कार-4
महिला क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि को मिले-3
ग्राम प्रधान को मिले कुल पुरस्कार-30
महिला प्रधान को मिले पुरस्कार-13
 
मूल्यांकन वर्ष 2018-19 के लिए 2020 में

पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार
जिला पंचायत प्रतिनिधि को मिले कुल पुरस्कार-2
महिला जिला पंचायत प्रतिनिधि को मिले-2
क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि को मिले कुल पुरस्कार-4
महिला क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि को मिले-1
ग्राम प्रधान को मिले कुल पुरस्कार-29
महिला ग्राम प्रधान को मिले-10
 
 

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