ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशयूपी पंचायत चुनाव : जानिए कहां ग्राम प्रधान के आधे से ज्यादा पद महिला, ओबीसी और एससी के लिए आरक्षित

यूपी पंचायत चुनाव : जानिए कहां ग्राम प्रधान के आधे से ज्यादा पद महिला, ओबीसी और एससी के लिए आरक्षित

जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही शासन ने जिले के 479 ग्राम पंचायतों के प्रधानों के आरक्षण की भी घोषणा कर दी है। मेरठ जिले के कुल 479 ग्राम पंचायतों में 171 पद अनारक्षित घोषित हुए हैं। वहीं 76 पद...

यूपी पंचायत चुनाव : जानिए कहां ग्राम प्रधान के आधे से ज्यादा पद महिला, ओबीसी और एससी के लिए आरक्षित
मुख्य संवाददाता ,मेरठSat, 13 Feb 2021 09:02 AM
ऐप पर पढ़ें

जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही शासन ने जिले के 479 ग्राम पंचायतों के प्रधानों के आरक्षण की भी घोषणा कर दी है। मेरठ जिले के कुल 479 ग्राम पंचायतों में 171 पद अनारक्षित घोषित हुए हैं। वहीं 76 पद अनारक्षित (महिला), 80 पद ओबीसी, 47 पद ओबीसी(महिला), 67 पद एससी और 38 पद एससी (महिला) के लिए सुरक्षित किए गए हैं। शासन ने आरक्षण तय कर ब्लाक के आधार पर सभी वर्गों के लिए सीटें तय कर दी हैं। 

पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह की ओर से सभी जिलों के ग्राम प्रधानों के आरक्षण को लेकर आदेश जारी किया गया है। ब्लाक की कुल सीटों के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की गई है। जिले में सबसे अधिक 54 ग्राम पंचायतें परीक्षितगढ़ ब्लाक में हैं। वहां 54 में से 20 पद अनारक्षित, नौ पद अनारक्षित(महिला) नौ पद ओबीसी, पांच पद ओबीसी महिला और सात पद एससी, चार पद एससी महिला के लिए आरक्षित किया गया है। साफ है कि आरक्षण की इस व्यवस्था से गांवों में काफी उलटफेर हो जाएगा। अब जिला स्तर से पंचायतों के नाम तय कर आरक्षण का प्रस्ताव जारी किया जाएगा। जिले में अनुसूचित जाति(एसटी) की जनसंख्या शून्य होने के कारण इस वर्ग को कोई आरक्षण का प्रस्ताव नहीं किया गया है। 

अध्यक्ष पद के लिए मेरठ में खुला मैदान
मेरठ जिले में एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए शासन ने खुला मैदान छोड़ दिया है। कोई भी जाति, वर्ग का प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष बन सकेगा। वैसे 1995 के बाद यह चौथी बार है कि मेरठ में अनारक्षित वर्ग के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष का पद घोषित हुआ है। पहली बार लगातार दो बार 2015 और अब 2021 में भी यह पद अनारक्षित घोषित हो गया है। इससे अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को झटका लगा है। 

जिला पंचायत अध्यक्ष का पद जिले में एकल पद होता है। हर पांच साल बाद होने वाले चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की घोषणा होती है। इस बार चुनाव को लेकर शासन ने 2015 के फार्मूले को बिल्कुल पलट दिया। रोटेशन की व्यवस्था की गई। माना जा रहा था कि 1995 के बाद अब तक जिस जाति, वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ है तो उसके लिए इस बार आरक्षित होगा। संभावना थी कि इस बार ओबीसी (महिला) या एससी (महिला) के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष का पद आरक्षित होगा। शासन की ओर से शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद की घोषणा कर दी गई। 2015 की तरह इस बार भी मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित घोषित किया गया है। कोई बदलाव नहीं हुआ है। 2015 की तरह ही इस बार भी मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित घोषित कर दिया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। 

रोहटा ब्लाक प्रमुख एससी और सरूरपुर महिला के लिए आरक्षित 
जिला पंचायत अध्यक्ष, ग्राम प्रधान के साथ ही शासन स्तर पर ब्लाक प्रमुखों के आरक्षण की कार्रवाई भी कर दी गई है। देर रात ब्लाक प्रमुख के आरक्षण की सूचना जारी की गई। हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने बताया कि उनके पास जिला पंचायत अध्यक्ष और ग्राम प्रधानों के आरक्षण की सूचना आई है। ब्लाक प्रमुख का भी हो सकता है। शनिवार को पता चल जाएगा। ब्लाक प्रमुख के आरक्षण के अनुसार रोहटा ब्लाक प्रमुख एससी और सरूरपुर महिला के लिए आरक्षित होने की सूचना है। 2015 और इस बार के आरक्षण में जानीखुर्द और परीक्षितगढ़ ब्लाक प्रमुख को छोड़ सभी का आरक्षण बदल गया है।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें