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यूपी पंचायत चुनाव : कई गांवों में पहली बार बनेंगे एससी और पिछड़ी जाति के ग्राम प्रधान

पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की स्थिति लगभग साफ हो गई है। इस बार आरक्षण की व्यवस्था रोटेशन में ही लागू होगी। ऐसी व्यवस्था में कई गांवों में पहली बार एससी और ओबीसी के प्रधान भी चुने जाएंगे।...

यूपी पंचायत चुनाव : कई गांवों में पहली बार बनेंगे एससी और पिछड़ी जाति के ग्राम प्रधान
वरिष्ठ संवाददाता ,मुरादाबFri, 12 Feb 2021 04:54 PM
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पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की स्थिति लगभग साफ हो गई है। इस बार आरक्षण की व्यवस्था रोटेशन में ही लागू होगी। ऐसी व्यवस्था में कई गांवों में पहली बार एससी और ओबीसी के प्रधान भी चुने जाएंगे। वहीं शासन की ओर से आरक्षण को लेकर संकेत मिलते ही दावेदार सक्रिय हो गए है। आरक्षण के लिए अब दावेदारों का विकास भवन पर आना शुरू हो गया है।

इस बार आरक्षण तय किए जाते समय यह देखा जाएगा कि कौन से ऐसे गांव हैं जहां 1995 से लेकर 2015 तक कभी भी सीट एससी या ओबीसी नहीं रही,जो गांव कभी एससी नहीं रहे,उन्हें इस बार एससी करने की तैयारी है,इसी तरह जिन गांवों में ओबीसी आरक्षण नहीं रहा,वहां ओबीसी किया जाएगा। इसके बाद जो गांव बचेंगे वहां आबादी के अनुसार सामान्य तरीके से आरक्षण की व्यवस्था लागू की जा सकती है। ग्राम पंचायतों में आबादी की गणना ब्लाक स्तर पर होगी।

ऐसे चलता है रोटेशन :

रोटेशन के हिसाब से सबसे पहले एसटी महिला की सीट होती है। इसकी आबादी पर्याप्त न होने पर एसटी के लिए आरक्षण दिया जाता है,इसके बाद एससी महिला,फिर एससी,अगले क्रम पर ओबीसी महिला,ओबीसी,फिर सामान्य महिला एवं सामान्य सीट घोषित की जाती है। पिछले चुनाव में जिस ग्राम पंचायत में एसटी महिला सीट रही,वहां इस बार एसटी,जहां एसटी रही वहां एससी महिला,एससी महिला सीट पर एससी,एससी वाली सीट पर ओबीसी महिला,ओबीसी महिला वाली सीट पर ओबीसी,ओबीसी वाली सीट पर सामान्य महिला व सामान्य महिला वाली सीट सामान्य हो सकती है।

आरक्षण चक्रानुक्रम के आधार पर ही होगा,यह बात तय हो चुकी है। शासनादेश आते ही आरक्षण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

राजेश कुमार सिंह, डीपीआरओ

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