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यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण लिस्ट: लागू होगा एक ही फार्मूला, नए जिलों पर असमंजस

शासन की ओर से जारी पंचायतों के आरक्षण के नये फार्मूले को लेकर 1995 के बाद बने जिलों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। मेरठ और सहारनपुर मंडल में बागपत, हापुड़ और शामली जिले का गठन 1995 के बाद हुआ...

यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण लिस्ट: लागू होगा एक ही फार्मूला, नए जिलों पर असमंजस
मुख्य संवाददाता ,मेरठ Thu, 11 Feb 2021 10:52 AM
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शासन की ओर से जारी पंचायतों के आरक्षण के नये फार्मूले को लेकर 1995 के बाद बने जिलों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। मेरठ और सहारनपुर मंडल में बागपत, हापुड़ और शामली जिले का गठन 1995 के बाद हुआ है। अब ऐसे में इन तीन जिलों में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया किस तरह होगी, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा है। हालांकि उप निदेशक, पंचायती राज मनीष कुमार का कहना है कि जो जिला जब से बना है, उसी हिसाब से चक्रानुक्रम के आधार पर आरक्षण की कार्रवाई होगी। 

1997 में मेरठ से अलग हुआ बागपत
मेरठ मंडल में बागपत और हापुड़ जिले का गठन 1995 के बाद हुआ है। बागपत जिला 1997 तक मेरठ जिले का ही हिस्सा था। 1997 में बागपत को मेरठ से अलग कर जिला बनाया गया। पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का भी इसी तरह गठन हुआ। 1995 से 2000 तक मेरठ-बागपत जिले का जिला पंचायत एक ही था। 2000 से मेरठ में पंचायतों का पुर्नगठन हो गया। 

2011 में बना हापुड़ जिला
हापुड़ जिला 2011 तक गाजियाबाद जिले का हिस्सा था। हापुड़ जिले का गठन 2011 में हुआ। तब हापुड़ जिले का नाम पंचशीलनगर रखा गया था। जुलाई-2012 में इसे हापुड़ जिला नाम दिया गया। गाजियाबाद जिले में से पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों को काटकर हापुड़ जिले में शामिल किया गया। अब हापुड़ जिला पंचायत का अलग अस्तित्व है।   

2011 में मुजफ्फरनगर से अलग हुआ शामली
शामली जिले का गठन भी 2011 में हुआ। तब प्रबुद्धनगर नाम दिया गया था। जुलाई 2012 में शामली जिला नाम दिया गया। शामली जिले का गठन मुजफ्फरनगर से काटकर किया गया है। अब वहां भी अलग जिला पंचायत अस्तित्व में है। 

सभी जिलों का एक ही फार्मूला होगा
मनीष कुमार, उप निदेशक, पंचायतीराज, मेरठ मंडल बताते हैं कि पंचायतों के आरक्षण में सभी जिलों का फार्मूला एक सा होगा। चक्रानुक्रम के आधार पर आरक्षण को लागू किया गया है। ऐसे में जो जिला जब से बना है तो उसी हिसाब से पंचायतों में आरक्षण लागू होगा। इसमें कोई संशय जैसी बात नहीं है। 

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