यूपी के पखावज वादक दिनेश प्रसाद लाइव परफॉर्मेंस के दौरान गिरे, अस्पताल में मृत घोषित
यूपी के प्रसिद्ध पखावज वादक और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता दिनेश प्रसाद का निधन हो गया है। लखनऊ में सनतकदा महोत्सव में अपनी परफॉर्मेंस के दौरान वे मंच पर गिर गए और उनका निधन हो गया।

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यूपी के प्रसिद्ध पखावज वादक और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता दिनेश प्रसाद का निधन हो गया है। लखनऊ में सनतकदा महोत्सव में अपनी परफॉर्मेंस के दौरान वे मंच पर गिर गए और बाद में उन्हें अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। सोमवार को लारी कार्डियोलॉजी सेंटर के डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल लाने पर मृत घोषित कर दिया। सोमवार को दिनेश प्रसाद लखनऊ में महोत्सव के दौरान इलियास हुसैन खान, इलियास खान, श्रीकांत शुक्ला, जीशान और सिद्दीकी जैसे अन्य संगीतकारों के साथ परफॉर्म कर रहे थे।
उत्सव की आयोजक, माधवी कुकरेजा ने उन्हें अपने सामने गिरते देखा। उन्होंने बताया कि दिनेश प्रसाद ने परफॉर्मेंस के दौरान कुछ मिनटों के लिए पखावज बजाना बंद कर दिया, लेकिन बाद में फिर से शुरू कर दिया। उन्हें कुछ बेचैनी महसूस हुई थी। उन्होंने एक गिलास पानी मांगा। लेकिन चंद पलों में ही वह मंच पर गिर पड़े। घटना करीब तीन बजे की है। माधवी और उनकी टीम उन्हें लारी कार्डियोलॉजी सेंटर ले गई जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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1956 में मथुरा में जन्मे, दिनेश प्रसाद पखावज वादकों के मथुरा घराने से संबंधित थे और उन्होंने अपने पिता बाबूलालजी से कला सीखी। यूपी संगीत नाटक अकादमी के कथक केंद्र में नौकरी करने के बाद 1989 में वह लखनऊ आ गए, जहां से वे 2014 में सेवानिवृत्त हुए। दिनेश प्रसाद को पखावज वादक के रूप में उनके काम और पखावज वादन को बढ़ावा देने के लिए 2005 में प्रतिष्ठित यूपीएसएनए पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
दिनेश प्रसाद के परिवार में उनकी पत्नी कमलेश, तीन बेटियां, निधि, श्रुति, रुचि और बेटा पीयूष हैं। उनके बेटे पीयूष ने कहा मेरे पिता हृदय रोगी थे। उन्हें पहले भी दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन उनकी सेहत स्थिर थी। पूरा परिवार सदमे में है। वह तैयार होकर सुबह कार्यक्रम में गए थे और एक दिन पहले रिहर्सल भी की थी।