UP : Now transport department will seized caste written vehicles यूपी में परिवहन विभाग सख्त, गाड़ियों पर लिखी अपनी जाति तो होगी ये कारवाई, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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यूपी में परिवहन विभाग सख्त, गाड़ियों पर लिखी अपनी जाति तो होगी ये कारवाई

उत्तर प्रदेश में वाहनों पर अब 'जातिवाद' नहीं चल सकेगा। परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को सीज करने के आदेश प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से आए निर्देश पर जारी किए हैं। इसके पीछे महाराष्ट्र के...

Shivendra Singh रामहेश मिश्र, कानपुरSun, 27 Dec 2020 11:31 AM
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यूपी में परिवहन विभाग सख्त, गाड़ियों पर लिखी अपनी जाति तो होगी ये कारवाई

उत्तर प्रदेश में वाहनों पर अब 'जातिवाद' नहीं चल सकेगा। परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को सीज करने के आदेश प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से आए निर्देश पर जारी किए हैं। इसके पीछे महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु का लिखा पत्र है, जिसमें उन्होंने यूपी में दौड़ते 'जातिवादी' वाहनों को सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा बताया था।

उत्तर प्रदेश में कार-बाइक, बस-ट्रक ही नहीं ट्रैक्टर और ई-रिक्शा तक पर 'ब्राह्मण', 'क्षत्रिय', 'जाट', 'यादव', 'मुगल', 'कुरेशी' लिखा हुआ दिख जाता है। मुंबई के उपनगर कल्याण के रहने वाले शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस तरफ दिलाया। उन्होंने आईजीआरएस पर पीएम मोदी से शिकायत की। लिखा कि उप्र व कुछ अन्य राज्यों में वाहनों पर जाति लिखकर लोग गर्व महसूस करते हैं। इससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचता है। यह कानून के खिलाफ है। 

भारत वैसे भी जाति आधारित अपराधों के प्रति संवेदनशील है। इस पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। पीएमओ ने यह शिकायत उप्र भेजी। इस पर अपर परिवहन आयुक्त मुकेश चंद्र ने ऐसे वाहनों के खिलाफ तुरंत अभियान चलाने का आदेश दिया है। उन्होंने सभी आरटीओ से कहा है कि 'जाति' चाहे वाहन पर लिखी हो या नंबर प्लेट पर, ऐसे वाहनों को तुरंत सीज करें।

वाहनों पर या नंबर प्लेट पर जातिसूचक शब्द नहीं लिखे जाने चाहिए। उल्लंघन पर वाहन सीज किया जाएगा। हमारी प्रवर्तन टीमों के मुताबिक औसतन हर बीसवें वाहन पर जाति लिखी पाई जाती है। मुख्यालय ने ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। कानपुर जोन के सभी आरटीओ को तुरंत कार्रवाई को कहा गया है। - डीके त्रिपाठी, उप परिवहन आयुक्त कानपुर

सामाजिक-राष्ट्रीय मुद्दे उठाते हैं हर्षल
मोदी से शिकायत करने वाले हर्षल प्रभु ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में कहा- वाहन तक में जाति लिखना सामाजिक ताने-बाने के लिए अच्छा नहीं है। उप्र में ऐसा खूब होता है। मुझे इसके बारे में उप्र के दोस्त आशीष कनौजिया से पता चला था। इस पर नियंत्रण होना चाहिए। मैं लगातार ऐसे बिंदुओं पर जिम्मेदारों को लिखता रहता हूं। पिछले दिनों मैंने ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के डैम, मानव तस्करी, कोरोना आइसोलेशन सेंटरों की दुर्गति आदि पर भी शिकायतें की थीं। ज्यादातर का संज्ञान लिया गया।