मामून शाह की हसरत हुई पूरी, 45 की उम्र में 45 घंटे में खोजी थी दुल्हन, बन गईं नगर पालिका अध्यक्ष
रामपुर के मामून शाह की हसरत पूरी हो गई है। निकाय चुनाव से ठीक पहले लगाया गया दांव सटीक बैठ गया है। नामांकन के दौरान ही शादी करने और पत्नी को अध्यक्षी के मैदान में उतारने की मंशा सफल हो गई है।
रामपुर के मामून शाह की हसरत पूरी हो गई है। निकाय चुनाव से ठीक पहले लगाया गया दांव सटीक बैठ गया है। नामांकन के दौरान ही शादी करने और पत्नी को अध्यक्षी के मैदान में उतारने की मंशा सफल हो गई है। मामून शाह से निकाह करके सना खानम की भी जिंदगी बदल गई। एक निजी स्कूल में शिक्षिका से वह रामपुर नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष बन गई हैं।
सना खानम ने 15 अप्रैल को मामून शाह से शादी की और अगले दिन 16 अप्रैल को रामपुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। 13 मई को चुनाव परिणाम आया तो सना खानम शिक्षिका से नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष बन गयीं।
वैसे तो मामून शाह खुद रामपुर में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सीट महिला के लिए आरक्षित हो हो गई। इससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। फिर 45 साल के अविवाहित मामून शाह ने शादी करने और पत्नी को अध्यक्ष बनाने की ठान ली। पत्नी के लिए लड़की की तलाश शुरू की।
अगले 45 घंटे में ही उनकी तलाश सना खानम पर पूरी हो गई। 13 अप्रैल को शादी करने का फैसला लिया और 15 अप्रैल को शादी भी कर ली। अगले ही दिन 16 तारीख को पत्नी का नामांकन करा दिया। उनका फैसला सटीक बैठ गया और जनता ने उनकी मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया। सना खानम को जीत दिलाकर अध्यक्ष बना दिया।
शाह ने कहा कि वह पिछले 20 साल से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और शहर में पोलियो उन्मूलन के लिए काम किया है। उन्होंने बताया कि वह पहले रामपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष थे, लेकिन हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
शाह ने बताया कि शादी का फैसला 13 अप्रैल को लिया गया और 15 अप्रैल को शादी हुई। शादी इसलिए की क्योंकि रामपुर नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था। रामपुर नगर पालिका परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह शादी अरेंज्ड थी।
सना खानम ने कहा कि जब शादी हुई तो यह बहुत अच्छा महीना (रमजान) था। यह पूर्व निर्धारित था। चुनाव लड़ने का फैसला शादी के बाद किया गया क्योंकि सीट महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित की गई थी।
सना ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने लोगों की समस्याओं को बेहद करीब से देखा और अब वह हर संभव तरीके से उनका समाधान करने का काम करेंगी। खानम ने यह भी कहा कि उनके छात्र शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में उनकी जीत से उत्साहित हैं।
सना ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा की मसर्रत मुजीब को 10,945 मतों से पराजित कर दिया। उन्हें 43,121 मत मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार मसरत मुजीब 32,173 वोट हासिल हुए। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान के गढ़ माने जाने वाले जिले में सपा की उम्मीदवार फात्मा ज़बीं 16,273 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
मामून शाह ने कहा कि स्थानीय लोग उनसे प्यार करते हैं क्योंकि वह उनके संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहाकि जिन लोगों ने पिछले 40 वर्षों में केवल आजम खान को वोट दिया है, उन्होंने इस बार हमें वोट दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि मैंने ही उनकी मदद की थी, लेकिन इसके बावजूद वोट आजम खान को जाता था।
सना ने चुनाव में अपना समर्थन देने के लिए लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करूंगी, जिन्होंने मेरा समर्थन किया और मुझे जीत दर्ज करने में मदद की। चीजें थोड़ी कठिन थीं, लेकिन मेरे शौहर मामून साहब हर कदम पर मेरे साथ रहे और जनता के सहयोग से हमें सफलता मिली है। अगर टीम वर्क हो तो किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति से पार पाना मुश्किल नहीं है।