सटीक व्यूह रचना से बीजेपी को मिली बढ़त, विधानपरिषद में पूरे नहीं हुए सपा के अरमान; 24 के लिए साफ हुई चुनौती
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यूपी एमएलसी चुनाव के नतीजों ने सपा के सामने 2024 में आने वाली चुनौती भी स्पष्ट कर दी है। अब सपा पर है कि वो इस चुनौती से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाती है।
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UP MLC Election 2023: बीजेपी ने यूपी विधान परिषद में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। साथ ही भाजपा की जीत के चलते अब समाजवादी पार्टी के नेता विरोधी दल की कुर्सी पाने के अरमान भी परवान नहीं चढ़ सकेंगे। संगठन और सरकार के साझा प्रयास रंग लाए। पार्टी ने न केवल अपनी तीनों मौजूदा सीटें फिर जीत लीं बल्कि झांसी-प्रयागराज शिक्षक सीट जीत कर शिक्षक संगठनों का वर्चस्व भी तोड़ दिया। नतीजों से साफ हो गया कि पढ़े लिखे तबके पर अभी मोदी-योगी का जादू बरकरार है। वहीं चुनावी व्यूह रचना में सांगठनिक मोर्चे पर भी पार्टी भारी पड़ी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इन नतीजों ने सपा के सामने 2024 में आने वाली चुनौती भी स्पष्ट कर दी है। अब सपा पर है कि वो इस चुनौती से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाती है।
एक सैकड़ा सदस्य संख्या वाले विधान परिषद में अब भाजपा की सदस्य संख्या बढ़कर 75 से 76 हो गई है। ऐसा स्नातक कोटे की तीनों सीटें बरेली-मुरादाबाद, कानपुर-उन्नाव और गोरखपुर-फैजाबाद रिपीट होने के साथ झांसी-प्रयागराज शिक्षक सीट भी जीतने के चलते हुआ। अभी मनोनयन कोटे की छह सीटें रिक्त हैं। तब भाजपाई सदस्यों की संख्या 82 हो जाएगी। यूं शिक्षक-स्नातक खंड की सीटें भले ही पांच थीं, लेकिन चुनाव प्रदेश के 39 जिलों में था। इन चुनावों के लिए मतदान ऐसे समय में हुआ जब सपा नेता स्वामी प्रसाद रामचरित मानस की चौपाई पर वार कर रहे थे और सपा सूबे में शूद्र राजनीति की सूत्रधार बनी हुई थी।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर शुक्रवार को स्नातक विधान परिषद चुनाव में भाजपा की विजय पर कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
काम पर मुहर
सपा का जातीय उभार लाने का यह प्रयास फिलहाल शिक्षक और स्नातक सीटों पर कारगर होता नहीं दिखा। खास बात यह है कि इसमें शिक्षक व युवाओं के साथ स्नातक मतदाता थे। इस पढ़े-लिखे तबके ने सरकार के कामों पर मुहर लगाने के साथ ही भगवा खेमे की ताकत में इजाफा किया।
कारगर व्यूह रचना
भाजपा ने इन चुनावों में बूथ को आधार मानकर तैयारी की। धर्मपाल ने बैठकें कर विधानसभा व लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इसमें भी पन्ना प्रमुख का प्रयोग दोहराया। वोटर लिस्ट के लिए जिम्मेदारों को कमान सौंपी गई।