घोसी उपचुनावः पांचवें नंबर पर नोटा का कब्जा, मायावती की अपील पर क्या बसपा समर्थक मतदान से रहे दूर?
बसपा प्रमुख मायावती ने घोसी में उपचुनाव की वोटिंग से पहले लोगों से अपील की थी कि मतदान से दूर रहें। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर किसी को वोट देना ही है तो नोटा का बटन दबाएं। आज परिणाम जारी होंगे।
यूपी के मऊ की घोसी विधानसभा के उपचुनाव सपा ने जीत लिया है। भाजपा दूसरे स्थान पर रही। नोटा पर भी लोगों की नजरें बनी हुई थीं। कारण हैं मायावती। दरअसल, बसपा प्रमुख मायावती ने घोसी में उपचुनाव की वोटिंग से पहले लोगों से अपील की थी कि मतदान से दूर रहें। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर किसी को वोट देना ही है तो नोटा का बटन दबाएं। नोटा पांचवें नंबर पर रहा।
मायावती ने बसपा से घोसी उपचुनाव के लिए प्रत्याशी नहीं उतारा। उन्होंने बसपा समर्थकों से अपील करते हुए कहा था कि मतदान न करें और करें भी तो नोटा दबाएं। 10 प्रत्याशियों में से 5 को नोटा ने पछाड़ दिया। नोटा पांचवें नंबर पर कब्जा जमाए रहा। तीसरे नंबर पर पीस पार्टी औऱ चौथे पर जन अधिकार पार्टी रही।
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क्या मायावती की अपील का असर?
घोसी विधानसभा सीट पर दो बार बसपा जीत हासिल कर चुकी है। सबसे पहले 1993 में और दूसरी बार 2007 में बसपा प्रत्याशी इस सीट से जीते थे। इस बार पार्टी चुनाव से बाहर रही। पार्टी ने कोई भी उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारा और मताधिकार का प्रयोग न करने की बात कही। इसके बाद मायावती ने भी अपील करते हुए वोट न देने या नोटा का बटन दबाने की बात कही। हालांकि पिछले चुनावों के परिणामों के अनुसार इस सीट पर बसपा के वोटर बड़ी संख्या में हैं। ऐसे में मायावती की अपील का असर कहें या वोटरों की मर्जी लेकिन इस सीट पर मतदान कम प्रतिशत में भी हुआ और नोटा अन्य प्रत्याशियों को पछाड़ता भी दिखा।
मायावती की इस अपील को राजनीति में उनके नए दांव की तरह देखा जा रहा है। कम मतदान होने और नोटा को वोट मिलने से ये भी धारणा बन रही है कि दलित वोटर अभी भी मायावती के साथ हैं। मायावती ने इस कदम से दलितों को साधने का काम किया है। कम मतदान और नोटा को वोट मिलने से स्थिति साफ होती दिख रही है कि दलित वोटर बसपा खेमे में ही हैं।