UP: जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई, उन्हें नहीं हुआ वायरल, मौसम का असर दिखा कम
पोस्ट कोविड मरीजों में बूस्टर लेने वाले किसी भी शख्स को सीजनल बुखार और वायरल ने चपेट में नहीं लिया। डॉक्टरों के मुताबिक इस पर शोध शुरू हो गया है। मौसम बदलने पर ऐसे लोगों में कम बीमारी देखने को मिली।
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कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लेने में कानपुर वाले भले ही पीछे हट रहे हों पर वायरल बीमारियों से बचाने में इस वैक्सीन ने काफी मदद की है। यही वजह है कि पोस्ट कोविड मरीजों में बूस्टर लेने वाले किसी भी शख्स को सीजनल और वायरल ने चपेट में नहीं लिया। डॉक्टरों के मुताबिक इस पर शोध शुरू हो गया है। उनका कहना है कि जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई है, उन्हें मौसम के बदलाव के साथ किसी भी तरह की बीमारी सामने नहीं आई है, वहीं डबल डोज वालों को वायरल ने ही घेरा है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक महीने के डाटा के हिसाब से आकलन किया है। इस अवधि में हैलट मेडिसिन में 329 पोस्ट कोविड मरीज वायरल, मलेरिया, मस्तिष्क ज्वर और सांस की बीमारी की चपेट में होकर आए जिसमें 42 को भर्ती कर इलाज किया गया। अभी भी 23 पोस्ट कोविड मरीज भर्ती हैं, जिन्हें सांस की गंभीर तकलीफ है। इनमें चार को निमोनिया होने पर आईसीयू में भर्ती किया गया है। मेडिसिन प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा के मुताबिक इन मरीजों में किसी ने भी बूस्टर डोज नहीं लगवाई थी।
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बूस्टर ने पोस्ट कोविड मरीजों को वायरल से बचाया है। अभी तक ऐसे किसी भी रोगी में वायरल की शिकायत नहीं मिली है जिसने बूस्टर डोज लगवाई है। पोस्ट कोविड मरीजों की केस हिस्ट्री लेकर स्टडी शुरू कर दी गई है। अभी तक के आकलन में बूस्टर से बढ़ी इम्युनिटी कहीं न कहीं कारगर लग रही है। मेडिसिन प्रोफेसर डॉ. एसके गौतम का कहना है कि डबल डोज लेने वाले पोस्ट कोविड मरीज बीमार हो रहे हैं पर बूस्टर वाले रिपोर्ट नहीं हुए हैं। ऐसे मरीजों को सांस की बीमारी भी सामने नहीं आई है।