निःशुल्क राशन एक साल और, बजट से यूपी को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा, खुलेंगे 28 नर्सिंग कॉलेज
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में लागू प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का सर्वाधिक लाभ यूपी को मिलेगा। आम बजट में इस योजना को एक वर्ष के लिए और बढ़ाया गया है।

निःशुल्क राशन का वितरण एक साल और होगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में लागू प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का सर्वाधिक लाभ यूपी को मिलेगा। आम बजट में इस योजना को एक वर्ष के लिए और आगे बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। बड़ा प्रदेश और अधिक जनसंख्या होने के कारण यूपी को इस योजना के तहत अधिक खाद्यान्न मिलेगा, जिसका लाभ यहां के लोगों को होगा।
पूर्व में यह योजना दो अलग-अलग नामों से संचालित की जा रही थी, जिसका नाम क्रमश: अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी योजना था। नए वर्ष की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने दोनों योजनाओं के स्थान पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू करने की घोषणा की जिसमें गेहूं और चावल दोनों मुफ्त में दिए जाने का प्रावधान किया गया है। पूर्व की दोनों योजनाओं के तहत गरीबों को दो रुपये प्रतिकिलो गेहूं तथा तीन रुपये प्रतिकिलों चावल दिए जाने की व्यवस्था थी। केन्द्र सरकार का इन योजनाओं पर साल भर में करीब दो लाख करोड़ खर्च होगा।
यूपी में इन योजनाओं के लाभार्थियों (इकाइयों) की संख्या करीब 13.5 करोड़ है। जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में यह योजना जनवरी से ही शुरू हो गई है और इसका बजटीय प्रावधान इस आम बजट में कर दिया गया है। इस योजना के तहत यूपी में प्रतिमाह 31 लाख 50 हजार टन गेहूं और 45 लाख 26 हजार टन चावल का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि खाद्यन्न का वितरण प्रति परिवार राशन कार्ड के आधार पर होता है। प्रदेश में इस समय करीब 3.51 करोड़ राशन कार्ड हैं।
सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को एक वर्ष के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दो लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।
यूपी को मिलेंगे 28 नये नर्सिंग कॉलेज
केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अधिक बजट प्रावधान किए जाने का असर यूपी वालों की सेहत पर भी दिखेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश में 157 नर्सिंग कॉलेज खोलने के ऐलान का सर्वाधिक लाभ यूपी के ही हिस्से आएगा। प्रदेश में 28 नये नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे। इससे प्रदेश में नर्सिंग स्टाफ की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। हालांकि प्रदेश सरकार पहले ही सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज खोले जाने की मुहिम शुरू कर चुकी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2014 में देश में स्थापित 157 नए मेडिकल कॉलेजों के साथ ही नर्सिंग कॉलेज खोले जाने की घोषणा की है। इस अवधि में यूपी में 28 मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति मिली है। इनमें से 14 बन चुके हैं और बाकी की प्रक्रिया चल रही है। इस लिहाज से प्रदेश के हिस्से में 28 नए नर्सिंग कॉलेज आएंगे।
अनुसंधान और नवाचार पर बढ़ेगा फोकस
फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित किए जाने की घोषणा का लाभ यूपी के फार्मा उद्योग को भी होगा। इस क्षेत्र में निवेश के लिए उद्योगों को सरकार प्रोत्साहन भी देगी। इसके अलावा चिकित्सा क्षेत्र में शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। चुनिंदा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी तथा निजी मेडिकल कॉलेज संकाय के अलावा निजी क्षेत्र को अनुसंधान के लिए उपलब्ध होंगी। एनीमिया के उन्मूलन के लिए भी ‘सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ शुरू करने का ऐलान किया गया है। हालांकि इसका फोकस जनजातीय क्षेत्रों पर होगा।
एम्स की मांग रही अधूरी
बजट में यूपी को एक और एम्स मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी। पश्चिमी यूपी क्षेत्र से इसकी खासी मांग थी। दरअसल, पूर्वी यूपी में रायबरेली और गोरखपुर में एम्स का संचालन हो रहा है। एक और एम्स की यूपी की मांग फिलहाल अधूरी ही रही।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार के अनुसार देश में 2014 के बाद खुले मेडिकल कॉलेजों के आधार पर प्रदेश को 28 नये नर्सिंग कॉलेजों की सुविधा का लाभ और मिल सकेगा। हालांकि प्रदेश सरकार पहले ही सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ नर्सिंग कॉलेज संचालन की मुहिम शुरू कर चुकी है। अब तक 18 नर्सिंग कॉलेज खुल चुके हैं।