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‘रविशंकर के अयोध्या प्रवेश पर रोक लगाए योगी सरकार’

पूर्व भाजपा सांसद एवं श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास वेदांती ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि श्रीश्री रविशंकर का अयोध्या प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि...

‘रविशंकर के अयोध्या प्रवेश पर रोक लगाए योगी सरकार’
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSun, 04 Mar 2018 07:56 AM
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पूर्व भाजपा सांसद एवं श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास वेदांती ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि श्रीश्री रविशंकर का अयोध्या प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीश्री देश से साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं। वे पूर्व में हुए समझौते से अलग फॉर्मूला बना रहे हैं। वे पूरे मामले को दूसरी राह पर ले जा रहे हैं। डॉ. राम विलास वेदांती गोरखनाथ मंदिर के होलिकोत्सव में शामिल होने के लिए पिछले तीन दिनों से प्रवास कर रहे थे। दिल्ली रवाना होने से पहले हिन्दुस्तान से बातचीत की। उन्होंने श्रीश्री रविशंकर द्वारा अयोध्या मामले के समाधान के प्रयासों को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि श्रीश्री और न ही उनकी संस्था का मंदिर आंदोलन से लेना-देना है। 

संतों ने खड़ा किया आंदोलन: उनसे जब पूछा गया कि समझौते का श्रेय श्रीश्री रविशंकर को न मिल जाए, इसलिए तो विरोध नहीं डॉ. वेदांती का जवाब था, श्रीश्री किस बल और आशा पर बोल रहे उन्हें पता नहीं है। लेकिन रामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन में लाखों संतो एवं करोड़ों लोग जेल गए, हजारों बलिदान हुए। वे खुद 25 बार जेल और 35 बार नजरबंद किए गए। उन्होंने कहा कि आंदोलन में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ, ब्रह्मलीन महंत रामचंद्र परमहंस, महंत नृत्य गोपाल दास, अशोक सिंघल आदि महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने का समर्थन करने वाले शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी के फॉर्मूले का समर्थन डॉ. वेदांती ने किया है। कांग्रेस के दो नेताओं को नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि एक ने तो सुप्रीम कोर्ट में भी अयोध्या विवाद की सुनवाई रोकने का प्रयास किया।

अयोध्या विवाद को अदालत से बाहर सुलझ-समझौते से हल करने की मुहिम चलाने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निष्कासित मौलाना सलमान नदवी ने यू-टर्न ले लिया है। विवाद से सीधे जुड़े पक्षकारों के सुलह-समझौते की कोशिश में कोई दिलचस्पी न लेने से मायूस हुए श्रीश्री रविशंकर और मौलाना सलमान नदवी ने तय किया है कि अन्य लोगों की तरह अब वे भी इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। मगर वे दोनों आपसी बातचीत से विवाद के समाधान तथा हिन्दुओं-मुसलमानों के बीच आपसी सद्भाव बढ़ाने की अपनी कोशिशें भी जारी रखेंगे। 

यह फैसला एक मार्च को लखनऊ में हजरतगंज स्थित पद्मश्री रानी लीला राम कुमार भार्गव के आवास पर हुई बैठक में हुआ। 28 मार्च को श्री श्री रविशंकर यहां मौलाना सलमान नदवी द्वारा स्थापित ह्यूमन वेलफेयर बोर्ड के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। उधर, अयोध्या सद्भावना समन्वय महासमिति के महासचिव डॉ. अमरनाथ मिश्र का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर करने वाले संबंधित पक्षों को उपेक्षित कर अयोध्या का समाधान नहीं करवाया जा सकता। यही बात मौलाना सलमान नदवी पर भी लागू होती है।

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