वसूली की शिकायतों पर सख्त हुई यूपी सरकार, एसपी की तय की जवाबदेही, कई जिले रडार पर
बलिया में वसूली गैंग खुलासे के बाद योगी सरकार ने सख्ती दिखाई है। जिलों में पुलिस कर्मियों के स्तर से हो रही वसूली की शिकायतों पर अब सरकार ने सीधे एसपी की जवाबदेही तय कर दी है।
बलिया में वसूली गैंग खुलासे के बाद योगी सरकार ने सख्ती दिखाई है। जिलों में पुलिस कर्मियों के स्तर से हो रही वसूली की शिकायतों पर अब सरकार ने सीधे एसपी की जवाबदेही तय कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय को जन प्रतिनिधियों और अन्य माध्यमों से मिली शिकायतों के आधार पर कई जिले इस समय ‘रडार’ पर हैं। इन जिलों पर डीजीपी मुख्यालय से नजर रखी जा रही है।
बलिया में संगठित गिरोह बनाकर चल रहे अवैध वसूली के बड़े ‘खेल’ का पर्दाफाश होने के बाद सभी जोन व रेंज के अधिकारी अपने स्तर से भी जानकारी जुटाने में लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार शिकायतों की प्रारंभिक पुष्टि के बाद डीजीपी मुख्यालय से कभी भी औचक जांच कराई जा सकती है। जांच में शिकायतें सही पाए जाने पर अन्य जिम्मेदार अफसरों के साथ ही संबंधित जिले के पुलिस कप्तान की भी जवाबदेही तय की जाएगी। किसी भी जिले में पुलिस के स्तर से भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस कप्तान को शिथिल पर्यवेक्षण के लिए प्रथमदृष्ट्या दोषी माना जाएगा।
बलिया में एसपी देव रंजन वर्मा व एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को हटाकर प्रतीक्षारत करके तथा सीओ, एसओ व चौकी इंचार्ज समेत 19 पुलिसकर्मियों को निलंबित करके प्रदेश सरकार ने अपने सख्त रुख का संदेश दे दिया है। सीओ, एसओ व चौकी इंचार्ज की संपत्तियों की खुली विजिलेंस जांच के आदेश से प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर अपने बेहद कड़े रुख का इजहार भी कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार जनप्रतिनिधियों के साथ हो रही मंडलवार बैठकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को थानों व तहसीलों में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की शिकायतें मिली हैं। इससे पहले कुछ एसडीएम व तहसीलदार भी निलंबित किए गए थे।