यूपी : टोल टैक्स की रकम से खरीदी जाएगी गंगा एक्सप्रेसवे की जमीन
गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन खरीदने को फंड का इंतजाम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के जरिए होगा। इस एक्सप्रेस-वे के टोल का अधिकार 30 सालों के लिए निजी कंपनी को दिया जाएगा। यह कंपनी ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे...
गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन खरीदने को फंड का इंतजाम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के जरिए होगा। इस एक्सप्रेस-वे के टोल का अधिकार 30 सालों के लिए निजी कंपनी को दिया जाएगा। यह कंपनी ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से टोल वसूलेगी और इसका संचालन करेगी। इसके बदले वह प्रदेश सरकार को एकमुश्त रकम देगी।
इस रकम का उपयोग गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन खरीदने में की जाएगी। जमीन अर्जन का काम सभी संबंधित जिलों में शुरू हो गया है। जमीन पर खर्च के लिए यूपीडा को 9255 करोड़ रुपये की जरूरत है। इसमें 4500 करोड़ रुपये तो टोल टैक्स के अधिकार निजी कंपनी को दिए जाने पर मिल जाएंगे। जमीन के लिए वित्तीय संस्थाओं से कर्ज के रूप में इसी साल 2900 करोड़ रुपये मिल जाएंगे जबकि सरकार से 1855 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
यूपीडा जल्द ट्रांजेक्शन एडवाइजरी कंसल्टेंट व विधिक कंसल्टेंट का चयन करेगा। इनकी राय पर फाइनेशिंयल इन्फारमेशन मेमोरंडम करते हुए बिड आमंत्रित की जाएगी। चयनित निवेशक के साथ एमओयू राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में प्रचलित आपरेशन मेंटीनेंस टोलिंग कन्सेशन कांट्रैक्ट के आधार पर होगा। शासन स्तर पर आईडीसी की अध्यक्षता एक उच्चाधिकार समिति बनेगी।
एनएएचआई इसी पैटर्न पर अर्जित कर चुका है 19364 करोड़ रुपये
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अपने नौ मार्गों पर 648 किमी लंबाई में टोल क्लेक्शन का अधिकार निजी कंपनियों को दे चुका है। इससे उसे 9682 करोड़ की आमदनी हुई। इसके अलावा नौ अन्य मार्गों पर लगभग 566 किमी का मुद्रीकरण किए जाने से 9682 करोड़ रुपये मिले। अब सात अन्य मार्गों पर 342 किमी लंबाई में टोल कलेक्शन अधिकार निर्गत के लिए बिड मांगी गई है।
इनका कहना है
मॉनेटाइजेश्न के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। कई वित्तीय संस्थाओं व बैंकों ने इसमें रुचि दिखाई है। कंसल्टेंट से इस बाबत राय ली जा रही है। इस पर जल्द निर्णय होगा। जमीन खरीदने के लिए पर्याप्त रकम की व्यवस्था की जा रही है।
अवनीश अवस्थी, सीईओ यूपीडा