Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP: Forced vaccination of people walking on the road many people got vaccinated by catching them

UP: सड़क पर घूमते लोगों का जबरन वैक्सीनेशन, कई लोगों को पकड़-पकड़कर लगवाया टीका

कासगंज में कोरोना कर्फ्यू के बाद भी बाजारों में घूमने वालों के साथ अजब घटना हो गई है। उन्हें पकड़-पकड़कर जबरन वैक्सीन लगवा दी गई। इससे कस्बे में खलबली मच गई। तहसीलदार की टीम की इस...

Yogesh Yadav पटियाली (कासगंज), हिन्दुस्तान संवाद, Thu, 27 May 2021 09:03 PM
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UP: सड़क पर घूमते लोगों का जबरन वैक्सीनेशन, कई लोगों को पकड़-पकड़कर लगवाया टीका

कासगंज में कोरोना कर्फ्यू के बाद भी बाजारों में घूमने वालों के साथ अजब घटना हो गई है। उन्हें पकड़-पकड़कर जबरन वैक्सीन लगवा दी गई। इससे कस्बे में खलबली मच गई। तहसीलदार की टीम की इस कार्रवाई का वीडियो वायरल हो गया। मामला संज्ञान में आते ही एसडीएम ने तहसीलदार से जवाब-तलब किया है। 

गुरुवार को दोपहर को पटियाली कस्बे के बाजार से होकर तहसीलदार राजीव निगम और नायब तहसीलदार जा रहे थे। तभी पैदल व बाइकों से इधर उधर जा रहे लोगों को तहसील की टीम ने रोक लिया और जबरन दो लोगों को गाड़ी में बैठा लिया। इसी दौरान एक अन्य ग्रामीण को गाड़ी में बैठाकर अस्पताल भेजने का प्रयास किया तो वो ग्रामीण गाड़ी से कूदकर भागने लगा।

तहसीलदार की गाड़ी में सवार पुलिसकर्मी ने दौड़ कर उसे पकड़ा और गाड़ी में फिर बैठाकर अस्पताल भिजवा दिया। यह देखकर बाजार में अफरातफरी और भगदड़ मच गई। किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। एसडीएम पटियाली रवेंद्र कुमार व सीओ पटियाली दीप कुमार पंत के संज्ञान में ये मामला आया तो वो भौंचक रह गए। 

एसडीएम ने किया तहसीलदार से जवाब तलब 
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम रविन्द्र कुमार ने तहसीलदार पटियाली राजीव निगम से जवाब तलब किया है। एसडीएम का कहना है कि इस मामले में तहसीलदार व नायब तहसील से पूछा जा रहा है कि जबरन टीकाकरण कराने को लेकर सामने आए वीडियो की सच्चाई क्या है। 

एक दर्जन लोग आए थे गाड़ी से 
पटियाली सीएचसी केंद्र पर प्रभारी विनोद शर्मा का कहना है कि गुरुवार को अस्पताल में टीकाकरण कराने 30 लोग आए थे। उन्हें वैक्सीन दिया गया है। उन्हें आधे घंटे की निगरानी के बाद घरों के लिए भेज दिया गया। इसमें शाम तक एक दर्जन लोग तहसीलदार की गाड़ी से आए थे। उन्हें भी टीका लगाया गया है। उन्हें यह जानकारी नहीं है कि तहसील की गाड़ी से उन्हें यहां किसने भेजा था।

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