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यूपी के बरेली में दर्ज हुआ लव जिहाद का पहला केस, जानें पुलिस के सामने आई क्या परेशानी

उत्तर प्रदेश में बरेली के देवरनिया इलाके में एक छात्र-छात्रा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है। उसके परिवार को भी धमकी दी जा रही हैं। आरोपी ने छात्रा को कई तरह का लालच दिया। लव जिहाद के आरोप में...

यूपी के बरेली में दर्ज हुआ लव जिहाद का पहला केस, जानें पुलिस के सामने आई क्या परेशानी
वरिष्ठ संवाददाता, बरेलीSun, 29 Nov 2020 06:23 AM
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उत्तर प्रदेश में बरेली के देवरनिया इलाके में एक छात्र-छात्रा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है। उसके परिवार को भी धमकी दी जा रही हैं। आरोपी ने छात्रा को कई तरह का लालच दिया। लव जिहाद के आरोप में देवरनिया पुलिस ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी घर से फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

देवरनिया के गांव शरीफनगर निवासी व्यक्ति ने बताया कि गांव में ही रहने वाले रफीक अहमद का बेटा उवैस अहमद ने पढ़ाई के समय से उनकी लड़की से जान पहचान बना ली थी। पीड़ित ने बताया कि वह अब उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहा है। जबरन धर्म परिवर्तन कराना चाहता है। पीड़ित के मुताबिक उनके व परिवार द्वारा कई बार आरोपी से मना किया जा चुका है। फिर भी वह मानने को राजी नहीं है। लगातार दबाव बना रहा है।

आरोप है कि जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने पर आरोपी उवैस अहमद ने जान से मारने की धमकी देते हुए गाली गलौज की। लव जेहाद पर कानून बनने के बाद देवरनिया थाने में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा का पहला मुकदमा दर्ज हुआ है।

सीसीटीएनएस मैं अपलोड नहीं है धारा
एसपी देहात डॉक्टर संसार सिंह ने बताया कि सीसीटीएनएस में धर्म विरुद्ध परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की धारा अपलोड नहीं की गई है। जिसकी वजह से सीसीटीएनएस में मुकदमा दर्ज होने पर धारा कंप्यूटर में नहीं दिख रही है। इसी वजह से उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा को मुकदमें पर पेन के द्वारा लिखा गया है।

लव जिहाद पर होगी 10 साल की कठोर सजा
यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन ने शनिवार को विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है। आज से महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। इस नए अध्यादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा।  

इस गैर जमानती अपराध के मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा। दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम 1 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष की सजा भुगतनी होगी, साथ ही न्यूनतम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा। अगर मामला अवयस्क महिला, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के सम्बन्ध में हुआ तो दोषी को 03 वर्ष से 10 वर्ष तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा। 

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