UP में विकास प्राधिकरणों के 47 हजार सम्पत्तियों को नहीं मिल रहे खरीदार, सरकार नाराज
उत्तर प्रदेश के विकास प्राधिकरण अपनी 47 हजार से अधिक संपत्तियां आवंटित नहीं कर सके हैं। इनमें विभिन्न श्रेणी के 40,368 मकान और 6,762 आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियां हैं। शासन ने खाली संपत्तियों...
उत्तर प्रदेश के विकास प्राधिकरण अपनी 47 हजार से अधिक संपत्तियां आवंटित नहीं कर सके हैं। इनमें विभिन्न श्रेणी के 40,368 मकान और 6,762 आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियां हैं। शासन ने खाली संपत्तियों का आवंटन न होने पर नाराजगी जताई है। आवास विभाग ने विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि ऐसी खाली पड़ी संपत्तियों को बेचकर आय बढ़ाई जाए।
आवास विभाग ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से उनकी योजनाओं में खाली पड़ी संपत्तियों का ब्यौरा मांगा था। संपत्तियां आवंटित नहीं होने से विकास प्राधिकरणों का अरबों रुपये फंस गया है।
प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियां खाली पड़ी हैं, उनका अभियान चलाकर पात्रों को आवंटित किया जाए। आवास विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2,298 आवासीय भूखंड विभिन्न विकास प्राधिकरणों में खाली हैं। कई विकास प्राधिकरण तो ऐसे हैं जहां 100 से अधिक भूखंड खाली हैं। आवास विकास परिषद की 637, लखनऊ में 155, बरेली में 604, कानपुर में 292, बांदा में 195 आवासीय संपत्तियां हैं। इसके अलावा अन्य विकास प्राधिकरणों में कई आवासीय भूखंड ऐसे हैं, जिनका आवंटन होना है।
लखनऊ में 527 व्यावसायिक संपत्तियां
व्यावसायिक संपत्तियों में 4464 संपत्तियां हैं। इनमें सबसे अधिक आवास विकास परिषद की 1143 भूखंड हैं। लखनऊ में 527, आगरा में 516, गाजियाबाद में 406, कानपुर में 378, मेरठ में 333, मुजफ्फरनगर में 129, हापुड़ में 208, मुरादाबाद में 143 संपत्तियां बताई जा रही हैं। आवास विभाग चाहता है कि विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के पास जो भी संपत्तियां हैं उनका आवंटन कर दिया। इसके बाद विकास प्राधिकरण नई आवासीय और व्यावसायिक योजनाएं लाएं, जिससे शहरों में जरूरतमंद लोगों को मकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए जमीन मिल सके।